
भारत में अगर किसी किसान को ट्रैक्टर लेना हो तो उसके दिमाग में सबसे पहले लाल रंग की ये दमदार मशीन ही आती है. महिंद्रा के ट्रैक्टर अपने दमदार और कम मेनटेनेंस वाले इंजन के लिए बिकते हैं. साथ ही महिंद्रा के ट्रैक्टर डीजल की भी बचत करते हैं और दाम में भी काफी कम होते हैं, यही वजह है कि किसानों का सबसे भरोसेमंद ट्रैक्टर ब्रांड महिंद्रा ही है. हाल ही में आए एक आंकड़े के मुताबिक, ट्रैक्टरों की बिक्री के मामले में महिंद्रा भारत ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा ब्रांड बन गया है. महिंद्रा ट्रैक्टर्स के बारे में आज हम आपको ये सारी जानकारी विस्तार से बताने वाले हैं.
महिंद्रा ट्रैक्टर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप ऑफ कंपनी के अंदर आता है. महिंद्रा एंड महिंद्रा गाड़ियों, विशेषतौर पर अपनी एसयूवी के लिए भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया और नॉर्थ अमेरिका समेत कई देशों में काफी लोकप्रिय है.भारत में महिंद्रा ट्रैक्टर्स के इतिहास की जड़ें दबी हैं साल 1947 में, जब देश ने आजाद हवा में सांस लेना शुरू किया था. इसके बाद साल 1963 आते-आते महिंद्रा ने अपना पहला ट्रैक्टर बनाया, जिसका नाम था 'महिंद्रा-B 275'.
ये ट्रैक्टर महिंद्रा ने एक विदेशी कंपनी 'इंटरनेशनल हार्वेस्टर' के साथ ज्वाइंट वेंचर (सहभागिता) पर बनाया. इस पार्टनरशिप में जो ट्रैक्टर भारत से बाहर जाने थे उनपर 'इंटरनेशनल ट्रैक्टर्स' का टैग होता था और जो भारत में बिकते थे, उनपर 'महिंद्रा' का टैग लगा होता था. हालांकि भारत में भी 'इंटरनेशनल' कंपनी के बहुत सारे ट्रैक्टर बिके थे. महिंद्रा-B 275 साल 1963 में आते ही किसानों को ऐसा पसंद आया कि उस दौर में भी महिंद्रा सालभर में हजारों टैक्टर बेच रही थी. महिंद्रा-B 275 कंपनी का सबसे सफल ट्रैक्टर रहा है और यही वजह है कि महिंद्रा आज भी इस मॉडल को बेच रही है.
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महिंद्रा अपने ट्रैक्टर एक ही मंत्र पर बनाता है और वो है किसान की जरूरत. महिंद्रा के लाइनअप में छोटे से छोटे किसान से लेकर बड़े किसान और व्यापारी तक के लिए एक ट्रैक्टर या दूसरी मशीन उपलब्ध है. आपके पास कैसा भी बजट हो या कैसी भी जरूरत, महिंद्रा के पास हर जरूरत के हिसाब से एक ट्रैक्टर उपलब्ध है. आसान भाषा में अगर महिंद्रा को ट्रैक्टर मार्केट की मारुति सुजूकी कहा जाए तो गलत नहीं होगा.
महिंद्रा के ट्रैक्टर अपने शक्तिशाली और किफायती इंजन के लिए सबसे भरोसेमंद माने जाते हैं. महिंद्रा ट्रैक्टर सेगमेंट में मौजूद अन्य ट्रैक्टरों से दाम में भी कम होते हैं और इनकी सर्विस भी काफी अच्छी होती है. इसके अलावा महिंद्रा के ट्रैक्टर सबसे ज्यादा मजबूत और कम मेनटेनेंस की वजह से भी किसानों की पहली पसंद होते हैं. वही महिंद्रा के ट्रैक्टरों की रीसेल वैल्यू भी बहुत ज्यादा होती है.
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आज भी महिंद्रा ने साल 2024 के वित्त वर्ष में करीब 4 लाख 60 हजार ट्रैक्टर बेच डाले. यही वजह है कि कंपनी ने साल 1963 से अप्रैल 2024 तक टोटल 40 लाख ट्रैक्टर बेच दिए, जिसके बाद महिंद्रा दुनिया की सबसे बड़ी ट्रैक्टर कंपनी बन गई. आज पूरे भारत में महिंद्रा के पास 1200 से ज्यादा डीलरशिप नेटवर्क है जो हर छोटे-बड़े कस्बों तक इसकी पहुंच बनाते हैं. इसकी सालाना 1,50,000 ट्रैक्टर बनाने की क्षमता है.
इसके साथ ही महिंद्रा के पोर्टफोलियो में 390 से ज्यादा ट्रैक्टर के मॉडल हैं. महिंद्रा केवल ट्रैक्टर ही नहीं बल्कि हर तरह के फार्म मशीने भी बनाता है. इसके अलावा महिंद्रा की सफलता में इसके सिस्टर ब्रांड स्वराज ट्रैक्टर्स का भी बड़ा योगदान है. बता दें कि साल 2004 में महिंद्रा ने स्वराज ट्रैक्टर्स में 66.6% की हिस्सेदारी खरीद ली थी.
महिंद्रा ने ट्रैक्टर इंडस्ट्री में सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि कई देशों में कब्जा जमाया हुआ है. उत्तरी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में भी महिंद्रा का बाज़ार लगातार रफ्तार पकड़ रहा है. महिन्द्रा ट्रैक्टर्स का सबसे बड़ा कंज्य़ूमर बेस भारत और चीन में है. इसके अलावा, आप जानकर हैरान होंगे कि भारतीय उपमहाद्वीप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, सर्बिया, चिली, सीरिया, ईरान और अफ्रीकी महाद्वीप के एक बड़े हिस्से में भी महिंद्रा ने मार्केट शेयर पर पकड़ बना रखी है.
वहीं चीन में बढ़ते ट्रैक्टर बाजार में पैर जमाने के लिए, महिंद्रा ने साल 2004 में चीन की एक ट्रैक्टर कंपनी - जियांग्लिंग में 80 प्रतिशत तक की हिस्सेदारी ले ली. फरवरी 2009 में, अपनी बिक्री मजबूत करने के लिए, महिंद्रा ने चीन की और जियांग्सू येडा यानचेंग ट्रैक्टर्स कंपनी लिमिटेड की हिस्सेदारी खरीदकर एक ज्वाइंट वेंचर बना लिया. इस तरह से महिंद्रा ट्रैक्टर्स भारत ही नहीं बल्कि कई देशों में अपने पैर जमाने में कामयाब हुआ.
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