महाराष्ट्र में पिछले दिनों ई-क्रॉप सर्वे को पूरा कर लिया गया है. लेकिन इसमें कई तरह की तकनीकी खामियां आईं और किसानों के सामने नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. यह ई-क्रॉप सर्वे मौजूदा खरीफ सीजन के लिए हुआ है. एक रिपोर्ट के अनुसार राज्य में खरीफ सीजन के दौरान 142 लाख हेक्टेयर की जमीन पर बुआई हुई है लेकिन इस सर्वे में सिर्फ सात फीसदी ही हिस्सा कुल बुआई के तौर पर दिखाया जा रहा है. यह जानकारी ऐसे समय में सामने आई है जब पिछले दिनों महाराष्ट्र में हुई भारी बारिश की वजह से किसानों की फसलें चौपट हो गई हैं.
मराठी वेबसाइट अग्रोवन की रिपोर्ट के अनुसार ई क्रॉप सर्वे की डेडलाइन 15 सितंबर तक है. ऐसे में सवाल खडे़ हो रहे हैं कि बाकी बचे हुए दिनों में सभी किसानों का रजिस्ट्रेशन पूरा हो सकेगा या नहीं. सरकार ने फसल बीमा का फायदा उठाने के लिए ई-क्रॉप सर्वे को अनिवार्य कर दिया है. इसके अलावा किसान इस पर रजिस्टर होने के बाद ही फसल नुकसान, मदद, गारंटी कीमत पर फसलों की खरीद, फसल ऋण और दूसरी कृषि स्कीम का फायदा उठा पाएंगे. ई-क्रॉप सर्वे राज्य में 1 अगस्त से शुरू हुआ था लेकिन 22 दिनों में सिर्फ सात फीसदी काम ही पूरा हो सका है.
131 लाख हेक्टेयर पर अभी तक सर्वे नहीं हुआ है. सर्वर काम नहीं करने के चलते कई कोशिशों के बाद भी इसे समय पर पूरा नहीं किया जा सका है. अब किसान परेशान हैं. सरकार की ओर से गर्मी के मौसम से ही डिजिटल क्रॉप सर्वे या DCS मोबाइल एप पर ई-क्रॉप सर्वे की सुविधा मुहैया कराई जा रही है. लेकिन किसानों का कहना है कि यह एप ठीक से काम नहीं कर रही है. वहीं अधिकारियों का कहना है कि सभी मसलों को सुलझा लिया गया है और सर्वे तय समय पर पूरा होगा.
प्रशासन की तरफ से बताया गया है कि अपडेटेड एप डाउनलोड करने के बावजूद कई किसानों को मैसेज आ रहा है कि सर्वर कनेक्ट नहीं हो रहा है. ई-पीक सर्वे प्रोसेस पूरी करने के बाद किसानों को सारी जानकारियां भरनी होती है. लेकिन जैसे ही किसान जानकारियां देते हैं और सेव करते हैं तो एप फेल हो जाती है. ऐसे में उन्हें पूरी प्रक्रिया फिर से दोहरानी पड़ती है. कुछ किसानों ने बताया है कि जब वो खेत की फोटो अपलोड करते हैं तो ऐसा लगता है कि वो खेत से काफी दूर खड़े हैं जबकि उन्होंने फोटो खेत में ही खड़े होकर क्लिक की होती है.
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