आज हम आपको एक ऐसे झोला-कुंडी आधारित सोलर एनर्जी से चलने वाली सिंचाई सिस्टम के बारे में बताने जा रहे हैं जो अब पूर्वी घाट के क्षेत्र में आदिवासी किसानों में काफी लोकप्रिय हो रहा है. ये किसान द्वारा सब्जी की खेती के लिए इस सिस्टम का प्रयोग तेजी से कर रहे हैं. सिंचाई के ये सिस्टम तेजी से किसानों के बीच हिट हो रहे हैं. इनके प्रयोग से न सिर्फ फसल में इजाफा हो रहा है बल्कि उनकी आय भी बढ़ रही है. साथ ही साथ यह पंप पर्यावरण के भी अनुकूल हैं.
इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च (ICAR) की तरफ से दी गई जानकारी पर अगर यकीन करें तो इस सिंचाई सिस्टम की मदद से दो हेक्टेयर के क्षेत्र में आसानी से सिंचाई हो सकती है. इसकी मदद से एक फसल से लेकर किसान हर साल तीन फसल तक पैदा कर सकते हैं. साथ ही हर माह की उनकी आय में तीन गुना तक इजाफा हुआ है. आईसीएआर की तरफ से बताया गया है कि इसके प्रयोग से हर साल 265 लीटर डीजल की बचत होती है और कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन में भी हर साल पूरे 800 किलोग्राम तक की कमी आती है.
यह भी पढ़ें-कृषि क्षेत्र का बजट बढ़ाने की घोषणा, खेती-किसानी से जुड़ी स्कीम्स पर 1.52 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे
वेबसाइट गांव कनेक्शन की एक रिपोर्ट के अनुसार पुणे स्थित स्टार्टअप खेतवर्क्स की तरफ से भी एक ऐसा ही पोर्टेबल सोलर एनर्जी से चलने वाला सिंचाई पंप पेश किया गया है जो मिक्सर जार के आकार का है. यह पंप छोटे और सीमांत किसानों को उनकी सिंचाई की जरूरतों को पूरा करने में मदद कर रहा है. वेबसाइट के अनुसार 2 हेक्टेयर या 5 एकड़ तक की जमीन वाले ये किसान बड़े आकार के सौर सिंचाई पंप खरीदने में असमर्थ हैं जो 100,000 रुपये तक की कीमत पर बाजार में उपलब्ध हैं. ऐसे में आसानी से इस्तेमाल किए जाने वाले ये पोर्टेबल सिंचाई पंप उनकी मदद के लिए आ रहे हैं.
यह भी पढ़ें-किसानों की जिंदगी बदलेगा आम बजट, ग्रामीण क्षेत्र में तेजी से होंगे विकास कार्य, चौहान ने कही बड़ी बात
सोलर एनर्जी से चलने वाले ये पंप सिंचाई के लिए सूरज की ऊर्जा का प्रयोग करते हैं. इनकी मदद से फसलों को पानी की सप्लाई होती है और उनकी ग्रोथ होती है. केंद्र सरकार अपनी पीएम-कुसुम योजना के तहत कृषि क्षेत्र में डीजल पंपसेट की जगह सोलर इरीगेशन पंप (एसआईपी) के प्रयोग को बढ़ावा दे रही है. इसका मकसद भारत को क्लीन एनर्जी पर आधारित अर्थव्यवस्था में बदलने में मदद करना है जो साल 2070 तक नेट जीरो टारगेट को हासिल करने में मदद करेगा.
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today