केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान रविवार 18 मई को नागपुर के दौरे पर रहेंगे. वह यहां विकसित कृषि पर उच्चस्तरीय हितधारक परामर्श बैठक की अध्यक्षता करेंगे. कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान यहां कपास की फसलों को प्रभावित करने वाले एक प्रमुख कीट पिंक बॉलवर्म के लिए एआई-आधारित स्मार्ट ट्रैप भी लॉन्च करेंगे. इसे आईसीएआर-केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान, नागपुर ने बनाया है. यह तकनीक सटीक कीट नियंत्रण के लिए उन्नत मशीन लर्निंग एल्गोरिदम पर आधारित है.
बैठक के अलावा वह नागपुर में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ कृषि और ग्रामीण विकास योजनाओं की समीक्षा करेंगे. केंद्रीय मंत्री अपने नागपुर दौरे के दौरान राष्ट्रीय मृदा स्पेक्ट्रल लाइब्रेरी का उद्घाटन करेंगे. यह डिजिटल कृषि क्षेत्र में एक अग्रणी पहल है और इसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर)- राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण और भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो, नागपुर, भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, भोपाल और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली ने आपसी सहयोग से बनाया है. यह पहल सटीक कृषि पर नेटवर्क कार्यक्रम का हिस्सा है.
राष्ट्रीय मृदा स्पेक्ट्रल लाइब्रेरी की स्थापना, डिजिटल कृषि की दिशा में भारत की यात्रा में एक अहम पड़ाव है. यह लाइब्रेरी पारंपरिक गीले रसायन-आधारित परीक्षण की जगह, मिट्टी के विश्लेषण की एक संपर्क रहित, तेज और लागत प्रभावी विधि की सुविधा प्रदान करेगी. भारत के विविध कृषि-जलवायु क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले मृदा स्पेक्ट्रल डेटा को केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह द्वारा औपचारिक रूप से राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा. कार्यक्रम के दौरान इस क्षेत्र के प्रगतिशील किसानों को कृषि में उनके अभिनव योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा.
मंत्री चौहान के साथ आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. एम.एल. जाट और उप महानिदेशक, सहायक महानिदेशक, महाराष्ट्र स्थित आईसीएआर संस्थानों के निदेशक, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति और अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद होंगे. विकसित कृषि के महत्वपूर्ण उद्देश्य के साथ आयोजित वृहद संवाद कार्यक्रम में कई जनप्रतिनिधि और किसान, वैज्ञानिक भी शामिल होंगे.
वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंंह चौहान ने आज कहा कि लैब और खेत को जोड़ने की जरूरत है. 29 मई से 12 जून 2025 तक राष्ट्रव्यापी 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमें हमारे वैज्ञानिक, कृषि विशेषज्ञ, कृषि विभाग का पूरा अमला किसानों के बीच उनके खेतों तक पहुंचेगा.
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