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किसान अब सीखेंगे ड्रोन की तकनीक, UP के इस कृषि विश्वविद्यालय में शुरू होगा कोर्स, फटाफट करें आवेदन

किसान अब सीखेंगे ड्रोन की तकनीक, UP के इस कृषि विश्वविद्यालय में शुरू होगा कोर्स, फटाफट करें आवेदन

कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार सिंह बताते हैं कि अभी किसानों को आमतौर पर खेत की बुवाई में पूरा दिन लग जाता है. लेकिन ड्रोन टेक्नोलॉजी की मदद से सिर्फ 25 मिनट में एक एकड़ जमीन में किसान बुवाई कर सकेंगे.

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ड्रोन उड़ाना सीखेंगे किसान (Demo Pic) ड्रोन उड़ाना सीखेंगे किसान (Demo Pic)

Drone Training: खेती-किसानी में ड्रोन का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है. ड्रोन ने खेती में कीटनाशकों के छिड़काव का काम आसान कर दिया है. इससे किसानों (Farmer News) की मेहनत और लागत में कमी आती है. जिससे उनका मुनाफा बढ़ता है. अब ड्रोन के जरिए खेती करने का चलन धीरे-धीरे बढ़ रहा है. इसी क्रम में कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में ड्रोन को कृषि के क्षेत्र में इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग दी जाएगी. कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार सिंह ने किसान तक से खास बातचीत में बताया कि मई के महीने में एक खास वैल्यू एडेड पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा जो ड्रोन टेक्नोलॉजी पर है. इस पर अब तक 140 छात्रों ने अपना रजिस्ट्रेशन भी कर दिया है और लोग अभी भी इसमें रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं. कुलपति ने बताया कि यह कोर्स सात दिनों तक चलेगा.

ट्रेनिंग के बाद मिलेगा ड्रोन चलाने का लाइसेंस

उन्होंने बताया कि प्रदेश का यह पहला ऐसा विश्वविद्यालय है जिसमें यह खास ड्रोन टेक्नोलॉजी का वैल्यू एडेड कोर्स शुरू किया जाएगा. कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार सिंह ने बताया कि कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने गति संस्था के साथ मिलकर एक करार किया है. जिसके तहत यह संस्था किसान और कृषि विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स को ड्रोन टेक्नोलॉजी के बारे में शिक्षित करेगी.

विश्वविद्यालय ने गति संस्था के साथ किया करार
विश्वविद्यालय ने गति संस्था के साथ किया करार

इसके साथ ही उन्हें खास ट्रेनिंग दी जाएगी कि कैसे वह कृषि क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल से फार्मिंग कर सकते हैं. जिस प्रकार से हमें गाड़ी चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत होती है. उसी तरह ड्रोन को उड़ाने के लिए भी एक खास लाइसेंस की आवश्यकता होती है ये लाइसेंस भी ट्रेनिंग पूरी होने के बाद यह संस्था ट्रेनिंग करने वालों को देगी.

किसानों को मिलेगी ड्रोन की पूरी जानकारी

कुलपति ने बताया कि बीज की बुवाई करनी हो, फसलों पर कीटनाशक का छिड़काव करना हो फर्टिलाइजर डालना हो, यह सभी काम अब ड्रोन के जरिए किए जा सकेंगे. इसके लिए खास प्रोग्राम कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय में चलाया जाएगा. जिसमें किसानों, स्टूडेंट और कोई भी व्यक्ति जो चाहे वह यह कोर्स कर सकेगा. इसमें उन्हें ड्रोन को कृषि के क्षेत्र में इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग दी जाएगी.

जानिए ड्रोन से खेती करने के फायदे

कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार सिंह बताते हैं कि अभी किसानों को आमतौर पर खेत की बुवाई में पूरा दिन लग जाता है. लेकिन ड्रोन टेक्नोलॉजी की मदद से सिर्फ 25 मिनट में एक एकड़ जमीन में किसान बुवाई कर सकेंगे. इतना ही नहीं इसमें कीटनाशक का छिड़काव करना हो या फिर फसलों में खाद डालना हो यह सब काम भी इसी ड्रोन की मदद से किया जा सकेंगे. गति संस्था के पास एग्रीकल्चर ड्रोन है जिसका इस्तेमाल फसल में किया जा सकता है. यह ड्रोन 14 किलो का वजन रखकर अपने साथ उड़ सकता है. इसकी कुल क्षमता 29 किलो की है जिसमें 15 किलो ड्रोन का वजन है और यह एक बार के चार्ज में 20 से 25 मिनट तक काम कर सकता है. इससे समय और मेहनत दोनों की बचत होती है.

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