एग्रीटेक स्टार्टअप PDRL की नई तकनीक से जमीन-खेत का सर्वे आसान होगा, सटीक डाटा रिजल्ट मिलेंगे 

एग्रीटेक स्टार्टअप PDRL की नई तकनीक से जमीन-खेत का सर्वे आसान होगा, सटीक डाटा रिजल्ट मिलेंगे 

ड्रोन तकनीक में अग्रणी कंपनी PDRL ने अपने इनोवेटिव कॉरिडोर सर्वे विधि के लिए पेटेंट हासिल कर लिया है. यह नया पेटेंट सटीक रिजल्ट, ड्रोन सॉल्यूशन, जमीन सर्वे, मिट्टी जांच समेत कृषि जरूरतों को पूरा करने में मददगार होगा. बयान में PDRL ने कहा कि इस सर्वे विधि को इंडस्ट्री की बदलती मांगों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है, क्योंकि भूमि सर्वेक्षण तेजी से ड्रोन तकनीक को अपना रहे हैं.

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एग्रीटेक स्टार्टअप PDRL की नई तकनीक से जमीन-खेत का सर्वे आसान होगा, सटीक डाटा रिजल्ट मिलेंगे PDRL ने इनोवेटिव कॉरीडोर सर्वे तकनीक को पेटेंट कराया है.

कृषि क्षेत्र के विकास के लिए सरकार लगातार मॉडर्न तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है, जिसमें ड्रोन के जरिए फसलों में कीटनाशकों का छिड़काव और निगरानी की जा रही है. एग्रीकल्चर सेक्टर में ड्रोन टेक्नोलॉजी को प्रमोट करने वाली फर्म PDRL ने इनोवेटिव कॉरीडोर सर्वे तकनीक को पेटेंट कराया है. इस सर्वे तकनीक के जरिए खेतों और जमीन की मैपिंग, मिट्टी की स्थिति जानने, मवेशियों और फसल की निगरानी, मौसम समेत कई तरह के काम करने में आसानी होगी और डाटा कलेक्शन सटीक होगा. 

ड्रोन तकनीक में अग्रणी कंपनी PDRL ने अपने इनोवेटिव कॉरिडोर सर्वे विधि के लिए पेटेंट हासिल कर लिया है. यह नया पेटेंट सटीक रिजल्ट, ड्रोन सॉल्यूशन, जमीन सर्वे, मिट्टी जांच समेत कृषि जरूरतों को पूरा करने में मददगार होगा. बयान में PDRL ने कहा कि इस सर्वे विधि को इंडस्ट्री की बदलती मांगों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है, क्योंकि भूमि सर्वेक्षण तेजी से ड्रोन तकनीक को अपना रहे हैं.

पिछले साल की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय ड्रोन सर्वे इंडस्ट्री में लगभग 40 फीसदी की तेज उछाल देखा गया है, जो लगभग 800 करोड़ के मार्केट कैप तक पहुंच गया है. यह तेज बढ़ोत्तरी बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, सरकारी पहलों में ड्रोन इस्तेमाल और कृषि के विकास में योगदान का संकेत है. ड्रोन तकनीक के जरिए ग्रामीण भूमि की मैपिंग, रियल एस्टेट, कृषि में निजी क्षेत्र में इसके इस्तेमाल में सर्वाधिक तेजी देखी गई है. इसके साथ ही इन क्षेत्रों के सटीक डाटा और रिजल्ट की मांग भी बढ़ी है. 

ड्रोनटेक स्टार्टअप PDRL की इस तकनीक से एग्रीकल्चर एरिया और किसानों के साथ ग्रामीण क्षेत्र का डाटा जुटाने में आसानी होगी. कृषि के विकास में इस इनोवेटिव कॉरीडोर सर्वे विधि का सर्वाधिक फायदा मिलने की बात कही गई है. खेती-किसानी के अलावा इस सर्वे विधि की मदद से सड़क निर्माण, रेलवे प्रोजेक्ट और पाइपलाइनों जैसे संकरे प्रोजेक्ट के सटीक सर्वे रिजल्ट्स और डाटा हासिल किया जा सकेगा. 

कई पेटेंट पाइपलाइन में 

PDRL के सीईओ अनिल चंदालिया ने कहा कि हम इस नई इनोवेटिव कॉरीडोर सर्वे विधि को इंडस्ट्री में लाने के लिए उत्साहित हैं. इनोवेटिव कॉरीडोर सर्वे विधि को पेटेंट मिलना एक बड़ी छलांग है, जो तेज और सटीक सर्वे को सक्षम करती है. यह पेटेंट मेड इन इंडिया प्रोडक्ट और ड्रोन तकनीक के स्वदेशीकरण पर जोर देता है. बता दें कि 2008 में बनी PDRL देश की प्रमुख ड्रोनटेक कंपनियों में शामिल है. टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कंपनी ने 3 पेटेंट दायर किए हैं, जबकि 3 पेटेंट के लिए आवेदन करने की तैयारी है. 

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