Drone Sprayer: इस आधुनिक युग में कृषि यंत्रों ने खेती को काफी आसान बना दिया है. वही एक समय ऐसा भी था, जब किसानों को फसल की कटाई या दवा का छिड़काव करने में काफी समय एवं मजदूरी अधिक देनी पड़ती थी. लेकिन अब धीरे-धीरे मशीनों पर निर्भरता ने खेती-किसानी को काफी सरल बना दिया है. उन्हीं मशीनों में एक कृषि ड्रोन हैं, जो कई मजदूरों का काम कुछ ही मिनटों में पूरा कर देता है. कृषि ड्रोन बनाने वाली कंपनी ड्रोनियर अविगेशन, बिहार के सेल्स मैनेजर प्रतीक कुमार ने किसान तक को बताया कि फसल पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करना हो, या लिक्विड यूरिया का इस्तेमाल करना हो. इन सभी कार्यों के साथ ड्रोन में लगे कैमरे से फसल की निगरानी भी आसान हो जाती है. इसके साथ ही अगर कोई पुरुष व किसान महिला ड्रोन पायलट का ट्रेनिंग लेना चाहते हैं. तो वह प्रशिक्षण लेकर एक अच्छी कमाई भी आसानी से कर सकते हैं.
वहीं आधुनिकता के इस दौर में कृषि ड्रोन की ओर किसानों का रुझान बढ़ रहा है. सरकार द्वारा इन मशीनों पर 40 से 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है. ड्रोन की मदद से किसान अपनी जमीन की नापी तक कर सकते हैं.
प्रतीक कुमार कहते हैं कि 6 मिनट में करीब एक एकड़ तक दवा का छिड़काव आसानी से हो जाता है. वहीं हाथ वाली मशीन से दवा छिड़कने में करीब एक से डेढ़ घंटे का समय लगता है. लेकिन कृषि ड्रोन के उपयोग करने के दौरान किसानों को मजदूर लगाकर दवा छिड़कवाने की जरूरत नहीं पड़ती है. इसमें केवल एक व्यक्ति दवा का छिड़काव अकेले कर सकते हैं. आगे प्रतीक कुमार कहते हैं कि हाथ वाली मशीन से दवा छिड़कने के दौरान करीब एक एकड़ में 100 से 150 लीटर तक पानी लगता है. लेकिन इसमें 10 लीटर पानी में एक एकड़ तक दवा का छिड़काव आसानी से किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें- क्यों बौनी हो गई थी धान की फसल, कृषि वैज्ञानिकों को मिला जवाब
कृषि ड्रोन की मदद से फसल में लगने वाले कीट-रोग की भी जानकारी किसान आसानी से ले सकते हैं. ड्रोन में कैमरा लगाकर फसल की निगरानी की किया जा सकता है. वहीं फसल के जिस हिस्से में कीट-रोग लगे हो. उस जगह की तस्वीरें कैप्चर करता है, जिससे की समय पर रोकथाम के उपाय किया जाता है.
ड्रोनियर अविगेशन बिहार के सेल्स मैनेजर प्रतीक कुमार के अनुसार उनकी कंपनी ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग भी दे रही है. केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा समस्तीपुर के साथ मिलकर कंपनी दस वीं पास किसी भी महिला व पुरुष को ड्रोन पायलट की पांच दिन की ट्रेनिंग देंगे. उनके कौशल के अनुसार कंपनी 15 से 20 हजार की सैलरी पर रख सकती है. वहीं किसान कृषि ड्रोन की व्यवसाय के तौर पर भी शुरू कर सकते हैं. और बेहतर कमाई कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें- अचानक तेजी से बढ़ने लगी मक्का की फसल, भुट्टों में असामान्य वृद्धि से किसान परेशान
किसान तक को प्रतीक कुमार बताते है कि अगर कोई ड्रोन पायलट का ट्रेंनिग लेकर कंपनी के साथ जुड़कर नौकरी करना चाहता है. तो आवेदक का उम्र न्यूनतम 18 वर्ष होना चाहिए. इसके साथ वह पूरी तरह से स्वास्थ्य हो. आंख से जुड़ी कोई बीमारी नहीं होनी चाहिए. इसके साथ दस्तावेज में 10 वीं की मार्कशीट, स्थाई पता के लिए पासपोर्ट होना बेहद जरूरी है.
बिहार सरकार के द्वारा कृषि ड्रोन पर सब्सिडी दी जा रही है. वहीं प्रतीक कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा कृषि ड्रोन पर सामान्य वर्ग के लिए 40 प्रतिशत और ओबीसी, एससी/एसटी के लिए 50 प्रतिशत तक अनुदान का प्रावधान किया गया है. कृषि ड्रोन से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए किसान अपने नजदीकी जिला कृषि विभाग या प्रखंड कृषि पदाधिकारी से सम्पर्क कर सकते हैं.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today