इस राज्य में अब सौर उर्जा से चलेंगे ट्यूबवेल, दिन में होगी फ्री बिजली की सप्लाई, जानें सरकार का प्लान

इस राज्य में अब सौर उर्जा से चलेंगे ट्यूबवेल, दिन में होगी फ्री बिजली की सप्लाई, जानें सरकार का प्लान

गुरुवार को विजयवाड़ा में विद्युत सौधा में स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार घरेलू, औद्योगिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों के सभी उपभोक्ताओं को 24x7 गुणवत्तापूर्ण और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र को दिन के समय मुफ्त बिजली सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.

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इस राज्य में अब सौर उर्जा से चलेंगे ट्यूबवेल, दिन में होगी फ्री बिजली की सप्लाई, जानें सरकार का प्लानसौर उर्जा से चलेंगे ट्यूबवेल. (सांकेतिक फोटो)

आंध्र प्रदेश में अब कृषि पंप सेटों की बिजली की आपूर्ति सौर उर्जा से की जाएगी. इसके लिए सारी तैयारी कर ली गई है. सरकार का मानना है कि यदि प्रदेश के सभी कृषि पंप सेट सौर उर्जा से कनेक्ट हो जाएंगे, तो इससे बहुत अधिक बिजली की बचत होगी. वहीं, खेती में इनपुट लागत भी पहले के मुकाबले कम हो जाएगी. इससे किसानों को फसल बेचकर अधिक से अधिक मुनाफा होगा.

प्रदेश के मुख्य उर्जा सचिव विजयानंद ने घोषणा की है कि जल्द ही प्रदेश के सभी कृषि पंप सेटों की बिजली आपूर्ति सौर ऊर्जा से की जाएगी. उन्होंने कहा कि 3,725 मेगावाट की सौर क्षमता वाले लगभग 1,200 कृषि फीडरों को सौर ऊर्जा से संचालित करने के लिए पहले ही उपाय शुरू किए जा चुके हैं. इससे 19.6 लाख कृषि उपभोक्ताओं को दिन के समय मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने में सुविधा होगी. सरकार अक्षय ऊर्जा सेवा कंपनी (आरईएससीओ) मॉडल पर एनवीवीएनएल (एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड) जैसे केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की सहायता से दिसंबर 2025 तक राज्य में सभी सरकारी भवनों को सौर ऊर्जा से संचालित करने की योजना भी बना रही है.

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दिन में होगी फ्री बिजली की सप्लाई

गुरुवार को विजयवाड़ा में विद्युत सौधा में स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार घरेलू, औद्योगिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों के सभी उपभोक्ताओं को 24x7 गुणवत्तापूर्ण और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र को दिन के समय मुफ्त बिजली सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि बिजली उपयोगिताएं, बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाने, बिजली पारेषण और वितरण क्षमता बढ़ाने के लिए विशेष उपायों को लागू कर रही हैं, ताकि भविष्य में बिना किसी बाधा के 24x7 बिजली आपूर्ति की गारंटी दी जा सके.

लागत में कमी की पहल के हिस्से के रूप में, एपी बिजली उपयोगिताओं के प्रयासों से, केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (सीईआरसी) ने 400 केवी एचवीडीसी रायगढ़-पुगुलुरु-त्रिशूर लाइन को 50 फीसदी केंद्रीय और 50 फीसदी राज्य हिस्सेदारी के रूप में आवंटित किया, जिससे एपी डिस्कॉम के लिए केंद्रीय ट्रांसमिशन उपयोगिता शुल्क 12 करोड़ रुपये से घटकर 10 करोड़ रुपये प्रति माह हो गया, जिसके चलते 25 वर्षों के लिए 24 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत हुई है.

क्या है सरकार की तैयारी

एडीबी और केएफडब्ल्यू बैंक द्वारा वित्तपोषित बिजली पारेषण अवसंरचना परियोजनाओं के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारा अवसंरचना कार्य प्रगति पर है, जो राज्य में विनिर्माण क्षेत्र, जीडीपी, व्यापार और रोजगार के अवसरों को बेहतर बनाने में योगदान देगा. इसके अलावा, ग्रिड विस्तार और नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण की दिशा में हरित ऊर्जा गलियारे का काम भी चल रहा है. 

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