दमघोंटू हवा से दिल्ली वाले ही नहीं, बल्कि यूपी में नोएडा और गाजियाबाद के अलावा आगरा, मथुरा, कानपुर और लखनऊ सहित अधिकांश शहरों के लोग परेशान हैं. राज्य सरकार ने इस स्थिति से निपटने के लिए सख्ती बरतने का फैसला कर लिया है. वायु प्रदूषण के लिए किसानों द्वारा धान की पराली और गन्ना की पत्तियां जलाने को मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. यूपी के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने बुधवार को सभी जिला प्रशासन के साथ हालात की समीक्षा करते हुए पराली जलाने वाले किसानों से निर्धारित जुर्माना राशि वसूलने और गन्ना की पत्ती जलाने वाले किसानों को गन्ना खरीद की पर्ची नहीं देने का निर्देश दिया है.
मुख्य सचिव मिश्र की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ साप्ताहिक समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक में कृषि, ऊर्जा एवं राजस्व सहित अन्य विभागों की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव ने कृषि अपशिष्ट को जलाने से हो रहे प्रदूषण की समस्या पर चिंता प्रकट की. उन्होंने निर्देश दिया कि दिल्ली एनसीआर सहित किसी भी जनपद में पराली या कूड़ा जलने की घटना नहीं होनी चाहिए.
ये भी पढ़ें, पराली के लिए किसान की जमीन जब्त करना जेबकतरों को मृत्यु दंड जैसा है
मिश्र ने कहा कि पराली सहित अन्य फसल अवशेष जलाने वाले किसानों के विरुद्ध जुर्माना लगाने के लिए अर्थदंड की राशि तय कर दी गई है. इसके तहत 02 एकड़ से कम रकबे वाले किसानों से 2500 रुपये, 02 से 05 एकड़ रकबे वाले किसानों से 5000 रुपये तथा 05 एकड़ से अधिक जोत वाले किसानों से 15,000 रुपये का अर्थदण्ड निर्धारित किया गया है.
उन्होंने स्पष्ट किया कि फसल अवशेष या कूड़ा जलाने की पुनरावृत्ति करने वाले किसानों एवं अन्य लोगों पर लगाए जाने वाले जुर्माने की राशि बढ़ाई जा सकती है. मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि जो भी जुर्माना लगाया जाए, उसे वसूल भी किया जाए. ताकि कोई भी इस तरह का काम दोबारा करने का प्रयास न करे.
ये भी पढ़ें, Reverse Migration : रिटायर होकर एमपी के सूचना आयुक्त ने किया खेत का रुख, पेड़ से नहीं बेल से ले रहे अमरूद की फलत
इतना ही नहीं, उन्होंने पश्चिमी यूपी में गन्ना किसानों द्वारा गन्ना की पत्तियां जलाने के मामले संज्ञान में आने पर भी नाराजगी जताई. उन्होंने निर्देश दिया कि खेतों मे गन्ना की पत्तियां जलाते हुए पकड़े जाने पर संबंधित किसानों को गन्ना खरीद की पर्चियां न जारी की जाएंं.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today