राजस्थान के पाली जिले में किसानों ने कलेक्टर ऑफिस के सामने विरोध प्रदर्शन किया. क्योंकि कुछ इलाकों में जहां भारी बारिश के कारण किसानों की फसलों को नुकसान पहुंच रहा है वहीं कुछ ऐसे भी जिलें हैं जहां पर पानी की कमी के कारण हाहाकार मचा हुआ है. सूखे की स्थिति के कारण फसलों को काफी नुकसान हो रहा है. प्रदेश के पाली जिले के यही हालात हैं जहां के बाली और देसूरी इलाके में जहां किसानों ने कम पानी बरसने की उम्मीद में कम पानी से होने वाली फसलें जैसे मूंग, तिल और उड़द की खेती की थी, शुरुआत में तो बारिश नहीं हुई पर बाद में सभी खेत जलमग्न हो गए. खेतों में पानी भर जाने के कारण किसानों के खेत में लगी तिल को सबसे अधिक नुकसान हुआ जबकि मूंग और बाजरा को भी आंशिक नुकसान हुआ है.
मॉनसून की शुरुआत में एक समय था जब किसानों ने मौसम और बारिश को देखते हुए तिल की खेती की थी, साथ ही ज्वार बाजरा और मूंग भी बोए थे. शुरुआत में हल्की फुल्की बारिश होती रही. इसके बाद बाद दो महीने तक तोबादल बिल्कुल नहीं बरसे, इसके कारण किसानों को अपनी फसलों को जिंदा रखने के लिए सिंचाई के लिए मेहनत करनी पड़ी. फिर जब फसल कटने के लायक तैयार हुई हो लगातार दो दिन 16 और 17 सितंबर को हुई जबरदस्त बारिश के कारण तिल की फसल बर्बाद हो गई. जिले के मांड गांव सहित पाली विधानसभा के सैंकड़ो किसानों की हजारों हेक्टेयर खेतों में पानी भर गया. इसके कारण खेतों में खंड़ी फसल बर्बाद हो गई.
इस बारिश के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है. प्रभावित किसानों ने बताया कि वर्ष 2018 के बाद जिले के किसानों को फसल बर्बाद होने पर किसी प्रकार का मुआवजा नहीं मिला है. जबकि इस बार भी दो दिन तक हुए बारिश के कारण खेतों में खड़ी फसलों का नुकसान हुआ जो कीमत करोड़ों में हो सकती है. अधिक पानी के हुए नुकसान की भारपाई की मांग को लेकर किसानों ने कलेक्टर ऑफिस के सामने प्रदर्शन किया और सड़ी गली फसल को हाथों में लेकर अपना विरोध दर्ज कराया.
विरोध कर रहे किसान खरताराम चौधरी ने कहा जिले में बिपरजॉय के बाद एक दो बार हल्की बारिश ही हुई तो किसानों ने तिल की खेती करने का फैसला किया, उसके साथ में ज्वार बाजरा और मूंग भी बोए. कम बारिश के दौरान सिंचाई करके फसल तैयार की, इसके बाद जिले में हुई तेज बारिश ने फसलों को खास कर तिल को काफी नुकसान पहुंचाया है. वहीं भारतीय किसान प्रदेश के उपाध्यक्ष परबत सिंह ने कहा कि किसानों के इस बार बारिश के चलते काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहाकि साल 2018 का फसल नुकसान का मुआवजा अब तक किसानों को नहीं मिला है.
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