World Bamboo Day: क्यों मनाया जाता है विश्व बैंबू दिवस, जानना जरूरी है ये 5 बातें

World Bamboo Day: क्यों मनाया जाता है विश्व बैंबू दिवस, जानना जरूरी है ये 5 बातें

यह एक ऐसा दिन होता है जिस दिन ना सिर्फ बांस के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है बल्कि देश के वन क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन, पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक संरक्षण में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है.

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World Bamboo Day: क्यों मनाया जाता है विश्व बैंबू दिवस, जानना जरूरी है ये 5 बातेंविश्व बांस दिवस फोटोः किसान तक

विश्व बैंबू दिवस पर आज बात होगी बांस के जरूरतों और समय के साथ इसके बदलते स्वरुप की बात करते हैं. बांस सदियों से ही हमारे जीवन के लिए महत्वपूर्ण अंग रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में इसका उपयोग सब्जी बनाने से लेकर घर बनाने और और अन्य वस्तुओं का निर्माण करने के लिए किया जाता है. हिंदू धर्म में तो जब शवयात्रा के लिए अर्थी बनाई जाती है तो वह भी बांस का होता है इसलिए इसकी भूमिका और महत्वपूर्ण हो जाती है. पर्यावरण के लिए बांस काफी अच्छी मानी जाती है और पर्यावरण को फायदा पहुंचाने में मदद करता है. यही कारण है कि हमारे जीवन में बांस की उपयोगिता और लाभ का जश्न मनाने के लिए प्रतिवर्ष विश्व बांस दिवस मनाया जाता. 

यह एक ऐसा दिन होता है जिस दिन ना सिर्फ बांस के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है बल्कि देश के वन क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन, पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक संरक्षण में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है. एक महत्वपूर्ण जानकारी यहां पर पाठकों को देना जरूरी है कि आखिर पहली बार विश्व बांस दिवस कब मनाया था. दरअसल विश्व बांस संगठन के प्रयासों के तहत ही पूरी दुनिया में दुनिया की सबसे बडी प्रजाति वाले घांस के किए एक विशेष दिन निर्धारित किया गया है. इसके बाद विश्व बांस संगठन ने पहली बार 2009 में बैंकॉक में पहली विश्व बांस कांग्रेस का आयोजन किया गया. इसमें बांस को बढ़ावा देने के लिए कई प्रस्ताव लाए गए. 

इसलिए भारत के लिए महत्वपूर्ण है यह दिन

विश्व बांस दिवस पर इसलिए इससे जुडी कुछ बातों को जानना बेहद जरूरी है. भारत के लिए विश्व बांस दिवस इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंरि 18 सिंतबर का दिन भारत के लिए और खास इसलिए है क्योंकि इसी दिन नोबर पुरस्कार विजेता और भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का जन्मदिन है. भारत के जिन राज्यों में बहुतायत में बांस के जंगल पाए जाते हैं वहां पर गरीबी उन्मूलन करने में बांस एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. क्योंकि झारखं, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में इसका उपयोग सब्जी के तौर पर किया जाता है. जबकि आज के आधिनक जमाने में बासं की लकडी का इस्तेमाल अलग-अलग व्यंजन बनाने के लिए किया जाता है. 

देश के लाखों लोगों को मिलता है रोजगार

बांस के व्यवासिक इस्तेमाल को बढावा देने के लिए भारत सरकार ने बांस का दर्जा दिया है. बांस पर्यावरण के अनुकूल एक बेहतर संसाधन है, यह काफी तेजी से बढ़ता है. इसकी खेती के लिए न्यूनतम या ना के बराबर कीटनाशकों की आवश्यकता होती है. इतना ही नहीं इसकी कटाई करना भी आसान होता है इसमें जड़ों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है. बांस के इस्तेमाल की बात करें तो बदलते वक्त के साथ इस पर कई प्रकार के शोध हुए हैं और इसके इस्तेमाल का दायरा बढता गया. आज घर की सजावट से लेकर कुर्सी टेबल तक बनाने में इसका इस्तेमाल किया जाता है. इससे देख लाखों बांस के कारीगरों और खेती करने वाले लोगों को रोजगार मिल रहा है.


    

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