यूपी में MSP पर धान नहींं बेच रहे क‍िसान! अब तक स‍िर्फ 25 फीसदी ही हुई खरीदी

यूपी में MSP पर धान नहींं बेच रहे क‍िसान! अब तक स‍िर्फ 25 फीसदी ही हुई खरीदी

उत्तर प्रदेश में खरीद के अंतर्गत 2022-23 मे धान खरीद का लक्ष्य 70 लाख  मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है. इसके लिए उत्तर प्रदेश के 73 जिलों में 4000 क्रय केंद्र बनाए गए हैं. वहीं प्रदेश में धान खरीद का काम 1 अक्टूबर से शुरू हो चुका है लेकिन अभी तक क्रय केंद्रों पर पर्याप्त संख्या में किसान नहीं पहुंच रहे हैं.

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यूपी में MSP पर धान नहींं बेच रहे क‍िसान! अब तक स‍िर्फ 25 फीसदी ही हुई खरीदी धान खरीद

उत्तर प्रदेश में खरीद के अंतर्गत 2022-23 मे धान खरीद का लक्ष्य 70 लाख  मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है .इसके लिए उत्तर प्रदेश के 73 जिलों में 4000 क्रय केंद्र बनाए गए हैं.वहीं प्रदेश में धान खरीद का काम 1 अक्टूबर से शुरू हो चुका है लेकिन अभी तक क्रय केंद्रों पर पर्याप्त संख्या में किसान नहीं पहुंच रहे हैं.प्रदेश में धान खरीद की सुस्त रफ्तार के चलते अभी तक केवल 25 फ़ीसदी धान खरीदा जा सका है. उत्तर प्रदेश में  इस बार धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹2040 निर्धारित किया गया है, जबकि ग्रेड ए धान के लिए ₹2060 प्रति क्विंटल का मूल्य निर्धारित है .उत्तर प्रदेश में धान खरीद के लिए खाद्य विभाग की विपणन शाखा, उप्र कोऑपरेटिव फेडरेशन , उप्र कोऑपरेटिव यूनियन, उप्र उपभोक्ता सहकारी संघ,उप्र राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद, भारतीय खाद्य निगम की ओर से क्रय केंद्रों पर धान खरीद की जा रही है.

क्रय केंद्रों पर पसरा है सन्नाटा

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के 73 जनपदों में भले ही 4000 से ज्यादा क्रय केंद्रों को धान खरीद के लिए खोल दिया है. इन क्रय केंद्रों पर धान खरीद की गति काफी सुस्त है.अभी तक पूरे प्रदेश में 17.61 लाख मैट्रिक टन धान खरीदा गया है जो कि निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले केवल 25 फ़ीसदी ही है. अभी तक प्रदेश में 272519 किसानों से धान खरीदा गया है.जबकि 2837 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है.प्रदेश सरकार ने किसानों की सहायता के लिए टोल फ्री नंबर 1800-1800-150 शुरू किया है जिससे  धान खरीद में हो रही किसी समस्या की शिकायत की जा सकती है.इसके अलावा खाद्य विपणन अधिकारी, तहसील क्षेत्र के विपणन अधिकारी, और ब्लॉक से संपर्क किया जा सकता है.

बाढ़ और सूखे से बर्बाद हुई थी धान की फसल

उत्तर प्रदेश में लखनऊ ,आगरा, गोरखपुर मंडल में अक्टूबर महीने में खूब बारिश हुई जिसके कारण धान की तैयार फसल जलमग्न हो गई.वही सिद्धार्थनगर और चंदौली जिले में बारिश ना होने के चलते सूखे के हालात हो गए. इसके कारण धान का उत्पादन भी प्रभावित हुआ है.वहीं वर्तमान में बाजार में धान की कीमतों में तेजी के चलते भी किसान सरकारी क्रय केंद्रों पर  नहीं पहुंच रहे हैं. व्यापारी घर बैठे किसानों का धान नगद मूल्य पर खरीद रहे हैं.

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