देश में गेहूं का बंपर उत्पादनभारत के खाद्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने बुधवार को गेहूं निर्यात की मांग को ठुकरा दिया है. उन्होंने कहा कि गेहूं निर्यात का फैसला नई फसल के आने के बाद ही लिया जाएगा. गेहूं से बने उत्पादों के निर्यात की भी फिलहाल कोई योजना नहीं है.
नई दिल्ली में रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए मंत्री ने उद्योग के सदस्यों से कहा कि मांग लगातार बढ़ रही है, इसलिए गेहूं की खेती के लिए क्षेत्रफल बढ़ाने की दिशा में काम करें.
फेडरेशन के अध्यक्ष नवनीत चितलंगिया ने कहा कि आटा (गेहूं का आटा) निर्यात तो एडवांस इंपोर्ट ऑथराइजेशन स्कीम के तहत अनुमति प्राप्त है, लेकिन अब समय आ गया है कि गेहूं उत्पादों जैसे आटा, मैदा और सूजी का चरणबद्ध तरीके से निर्यात शुरू किया जाए.
चितलंगिया ने सुझाव दिया कि कम से कम 10 लाख टन की शुरुआत की जाए ताकि वैश्विक बाजारों का फायदा उठाया जा सके और घरेलू जरूरतों को सुरक्षित रखा जा सके. उन्होंने बताया कि भारत में गेहूं का मूल्य वैश्विक कीमत से 80-90 डॉलर प्रति टन सस्ता है, लेकिन सरकार को भारतीय प्रवासी लोगों के लिए गेहूं उत्पादों के निर्यात की अनुमति देनी चाहिए.
मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि निर्यात निर्णय में कई मंत्रालय शामिल हैं और 2026 की अप्रैल में होने वाली अगली फसल को भी ध्यान में रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि प्राथमिकता खाद्य सुरक्षा है, इसलिए निर्यात की कोई निश्चित गारंटी नहीं दी जा सकती.
भारत ने 2022 में गेहूं और उससे बने उत्पादों के निर्यात पर रोक लगा दी थी, क्योंकि उत्पादन कम होने, सरकारी खरीद में गिरावट और महंगाई बढ़ने के कारण स्थिति चिंताजनक थी. कृषि मंत्रालय के अनुसार, 2024-25 में गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन 1175 लाख टन का अनुमान है.
फेडरेशन ने केंद्र सरकार से उचित भंडारण बनाए रखने और बाजार स्थिरता के लिए समय-समय पर हस्तक्षेप करने की मांग की है. साथ ही, उन्होंने सरकार की गेहूं नीति और ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) में आगे क्या हो सकता है, इसके बारे में जानकारी चाही है.
चितलंगिया ने बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के लिए कम से कम एक साल का गेहूं भंडार होना चाहिए, जो लगभग 180 लाख टन है.
इसके अलावा, फ्लोर मिलर्स ने डीडीजीएस (ड्राइड डिस्टिलर्स ग्रेन्स विद सोल्यूबल्स) के मवेशी स्वास्थ्य और दूध की क्वालिटी पर प्रभाव के अध्ययन, घरेलू पैक वाले आटा, मैदा और सूजी पर 5 प्रतिशत जीएसटी हटाने और मिलिंग मशीनरी और गेहूं भंडारण साइलो पर जीएसटी दर को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने की मांग की है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today