Varanasi News: पूर्वांचल के किसानों के अब अच्छे दिन आने वाले हैं. हरी मिर्च (Green Chilli) की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी वाली खबर वाराणसी से सामने आ रही है. दरअसल, अभी तक किसान लाल मिर्च का पाउडर बनाकर बाजार में बेच रहे थे. जल्द की किसान हरी मिर्च का पाउडर तैयार कर सकेंगे. इसके लिए वाराणसी स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (IIVR) ने हरी मिर्च से पाउडर तैयार करने के लिए हिमाचल प्रदेश की कंपनी के साथ करार किया. पूर्वांचल के किसानों से कंपनी खेतों से हरी मिर्च सीधे खरीदेगी. जिससे किसानों के उत्पादों की मांग बढ़ेगी और किसानों को मंडी के अलावा व्यापार का विकल्प सुगम होगा. वहीं कम लागत और कई गुणा अधिक मुनाफा होगा.
वाराणसी स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (आईआईवीआर) की वरिष्ठ वैज्ञानिक स्वाति शर्मा ने किसान तक से बातचीत में बताया कि हरी मिर्च का पाउडर बनाने की तकनीक विकसित की गई है, जिसका पेटेंट भी आईआईवीआर के नाम से है. उन्होंने बताया कि आईआईवीआर हिमाचल प्रदेश की मेसेर्स होलटेन किंग कंपनी के साथ किसानों को प्रशिक्षित कर हरी मिर्च का पाउडर तैयार कराएगा.
आईआईवीआर की वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि हरी मिर्च का पाउडर तैयार करने के लिए पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर संस्थान के निदेशक डॉ. तुषार कांति बेहेरा ने कंपनी से करार किया हैं. अब पूर्वांचल के किसानों से कंपनी खेतों हरी मिर्च सीधे खरीदेगी. अभी तक बाजार में आम तौर पर लाल मिर्च का पाउडर उपलब्ध है, जबकि हरी मिर्च का पाउडर नहीं मिलता. वरिष्ठ वैज्ञानिक स्वाति शर्मा ने बताया कि संस्थान की इस तकनीक से तैयार हरी मिर्च के पाउडर में 30 प्रतिशत से अधिक विटमिन सी 94 से 95 प्रतिशत क्लोरोफिल और 65 से 70 प्रतिशत कैप्ससिन रहता है और इस प्रकार से तैयार हरी मिर्च पाउडर को सामान्य तापमान में कई महीनों तक सुरक्षित जा सकता है.
अब पूर्वांचल के किसानों से कंपनी खेतों हरी मिर्च सीधे खरीदेगी. जिससे उनकी आय में डबल की बढ़ोतरी होगी. बता दें कि फरवरी महीने में हरी मिर्च के पौधे को नर्सरी में तैयार किया जाता है. अप्रैल महीने में इसे खेतों में लगा दिया जाता है. जून महीने से इसमें फल आना शुरू हो जाता है, जो अक्टूबर महीने तक इसमें फलन आता है. 10 कट्ठे के खेत में सिर्फ 10 हजार रुपये की लागत आती है.
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