यूपी में कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही की अध्यक्षता में आयोजित राज्य स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी में आगामी खरीफ सीजन में फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के उपायों पर विचार किया गया. इस दौरान शाही ने प्रदेश के किसानों से आय में इजाफा करने के लिए परंपरागत फसलों के साथ पशुपालन और बागवानी सहित खेती से जुड़े उन सभी क्रियाकलापों को भी अपनाने पर जोर दिया, जो उनकी आय को बढ़ाने में सहायक हों. शाही ने कहा कि बागवानी और पशुपालन के बिना खेती अधूरी है. ऐसे में समग्र खेती में शामिल सभी गतिविधियां किसानों की उपज को बढ़ाने में सहायक होती हैं. उन्होंने कहा कि खरीफ सीजन में बागवानी फसलों के महत्व को देखते हुए किसानों को बागवानी पर नगदी फसलों की ही तर्ज पर ध्यान देना जरूरी है. गोष्ठी में विभिन्न क्षेत्रों से आए प्रगतिशील किसानों तथा राज्य के कृषि उत्पादन आयुक्त के अलावा पशुपालन एवं उद्यान विभाग और बीज विकास निगम के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया.
राज्य स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी में शाही ने कहा कि किसान गेहूं और धान जैसी फसलों की खेती के साथ बागवानी और पशुपालन को भी अपना कर फल, फूल, साग सब्जी एवं डेयरी और मीट जैसे कृषि उत्पादों की मांग एवं आपूर्ति के बीच संतुलन बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. उन्होंने कहा कि समग्र खेती अपनाने से किसान प्रदेश के खाद्यान्न उत्पादन में इजाफे के साझेदार बन कर पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकते हैं.
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उन्होंने कहा कि बीज विकास निगम एवं अन्य संस्थानों की ओर से रागी सहित अन्य मिलेट्स के उन्नत बीजों की मुफ्त किट किसानों को वितरित की जा रही है. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस साल पूरे प्रदेश में सांवा, कोदो, ज्वार, बाजरा एवं रामदाना की एक लाख मिनी किट वितरित किए जाएंगे. इसके अलावा दलहन में मूंग, उड़द और अरहर के 3.81 लाख तथा तिलहन में मूंगफली एवं तिल के 12 लाख मिनी किट किसानों को निःशुल्क वितरित किये जायेंगे. इससे दलहन एवं तिलहन उत्पादन में प्रदेश आत्म निर्भरता की ओर बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में जिस मोटे अनाज की बेहतर उपज होती है, उस इलाके में उसी मिलेट के बीज वितरित किए जा रहे हैं. उन्होंने किसानों से कहा कि वे बीज भण्डार केन्द्र से मिलेट की मिनी किट लेकर उचित समय पर इनकी बुआई करें.
गोष्ठी में शाही ने किसानों से कहा कि सरकार खेती को उन्नत कृषि यंत्रों से लैस करने पर जोर दे रही है. इससे कृषि उत्पादन लागत में कमी आती है. इसके लिए सरकार फार्म मशीनरी योजना के तहत अत्याधुनिक कृषि यंत्रों की उपलब्धता पर जोर दे रही है. कम खर्च पर समय और ऊर्जा की बचत करने वाले इन यंत्रों का सामूहिक तौर पर किसान लाभ उठा सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस योजना में छोटी जोत के किसानों के समूह को प्राथमिकता दी जाती है.
शाही ने कहा कि खेती के विभिन्न क्रियाकलापों को सुगमता से करने के लिए कृषि यंत्रों का उपयोग कर किसान, विभिन्न फसलों की उन्नतशील प्रजातियों एवं तकनीक को अपनाकर अपनी आमदनी आसानी से बढ़ा सकते हैं. हालांकि गोष्ठी में मौजूद किसानों ने कहा कि फार्म मशीनरी का लाभ वास्तविक जरूरतमंद किसानों को नहीं मिल पा रहा है. उनकी शिकायत थी कि साधन संपन्न किसान, अपने समूह बनाकर फार्म मशीनरी का निजी तौर पर इस्तेमाल करते हैं. इनका लाभ छोटे किसानों को नहीं मिल पा रहा है.
गोष्ठी में बुंदेलखंड के किसानों ने अन्ना गोवंश की समस्या से फसलों को व्यापक पैमाने पर नुकसान होने की समस्या से अवगत कराया. बुंदेलखंड के किसानों ने कहा कि बेसहारा गायों को गौशालाओं में पहुंचाने के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि समूचे बुंदेलखंड में अन्ना जानवरों की समस्या गहराती जा रही है. किसानों ने कहा कि सरकारी गौशालाओं में पानी और चारे की कमी के कारण गायों को गौशाला से बाहर छोड़ दिया जाता है.
पूर्वांचल के किसानों ने जल जीवन मिशन में पाइप लाइन बिछाने के नाम पर सड़कें उखाड़ दी गई हैं, लेकिन इन्हें दुरुस्त नहीं किए जाने से गांवों में समस्या बढ़ गई है. पश्चिमी यूपी के किसानों ने गन्ना एवं अन्य फसलों के बीजों की उपलब्धता एवं फसल बीमा में परेशानी का मुद्दा उठाया.
शाही ने किसानों की इन समस्याओं के समाधान के लिए सम्बद्ध विभागों के अधिकारियों को कारगर कदम उठाने का निर्देश दिया. जिससे खरीफ सीजन की फसलों की बुआई से पहले किसानों को अन्ना जानवरों से लेकर बीज और बीमा सहित अन्य समस्याओं से निजात मिल सके.
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गोष्ठी में कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेश में कृषि योग्य भूमि पर फसल आच्छादन बढ़ाने का लक्ष्य तय किया गया है. उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए खरीफ फसलों का आच्छादन एवं उत्पादकता बढ़ाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है. उन्होंने किसानों से समय रहते खरीफ सीजन की फसलें बोने की तैयारी करने की अपील करते हुए कहा कि मौसम की अनियमितता को देखते हुए किसानों को बुवाई के समय का ध्यान रखना जरूरी है.
सिंह ने फार्म मशीनों के वितरण में खामियों की शिकायत पर कहा कि इस दिशा में प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि फार्म मशीनों के वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए अब ब्लॉक स्तर पर लक्ष्य आवंटित कर पोर्टल के माध्यम से किसानों को कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत प्रत्येक पात्र किसान को शामिल करने के लिए 10 जून तक राज्यव्यापी अभियान चलाया जा रहा है. इसमें जिन किसानों को पीएम किसान निधि की किस्त नहीं मिल रही है, उसके कारणों की पहचान कर कमियों को दूर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि किसानों को सुगम सिंचाई सुविधा उपलब्ध करने के लिए इस वर्ष 30,000 सोलर पम्प किसानों को देने का लक्ष्य है. इससे किसान बिना किसी बाधा के साल भर अपने खेतों की सिंचाई कर सकते है तथा अपने खेत में फसलों के साथ साग सब्जियां भी उगा सकते है.
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