
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में कड़ाके की ठंड में किसानों को छुट्टा जानवरों से फसल बचाने के लिए तरह-तरह के जतन करने पड़ रहे. किसान रात-रात भर जाग कर फसलों की रखवाली करते हैं. फसलों को बचाने के लिए किसान खेतों के चारों ओर तारबंदी भी कर रहे हैं. फिरोजाबाद के नारखी ब्लॉक में भी कुछ ऐसा ही किया गया है. यहां किसानों ने खेतों की मेढ़ पर बिजली के तार लगा दिए हैं. रात में इन तारों में करंट दौड़ा दिया जाता है ताकि छुट्टा जानवर खेत में न घुस पाएं. इसी दौरान यहां एक दर्दनाक घटना सामने आई. यहां करंट दौड़ते तारों से चिपक कर एक किसान की मौत हो गई.
थाना नारखी के नगला नोजी निवासी 52 साल के किसान सुरेंद्र पाल की करंट लगने से मौत हो गई. सुरेंद्र पाल अपनी रिश्तेदारी में उसाइनी गए थे. सोमवार देर रात वे अपने गांव नगला नोजी आ रहे थे. घने कोहरे में कच्चे रास्ते से होते हुए जब किसान सुरेंद्र निकले तो वे खेतों के किनारे लगे बिजली के तारों की चपेट में आ गए. सुरेंद्र पाल का पैर इन तारों से फंस गया और करंट लगने से उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई.
घटना देर रात में हुई जिससे लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं मिली. अगली सुबह मंगलवार को घना कोहरा छंटने के बाद लोग गांव से बाहर निकले तो सुरेंद्र को बिजली के तारों से चिपका हुआ देखा. आनन-फानन में पुलिस को फोन किया गया. शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
इस मामले में गांव वालों का कहना है छुट्टा गायों से वे बेहद परेशान हैं. सरकार बार-बार गौशाला में छुट्टा जानवरों को भेजने की बात कर रही है, लेकिन जानवर खेतों में घुसकर फसल बर्बाद कर रहे हैं. किसान ये भी कहते हैं कि जानवरों से बचाव के लिए खेत की मेढ़ पर बिजली के तार लगाना गलत है, लेकिन वे मजबूरी में ऐसा करते हैं. तार में करंट दौड़ाना कानूनन गलत है. इसलिए पुलिस ने खेत के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है. इस बारे में पुलिस अधीक्षक सर्वेश कुमार मिश्र ने जानकारी दी.
एक ऐसा ही मामला कानपुर देहात से सामने आया जहां सर्द रातों में खेतों की रखवाली के दौरान ठंड लगने से किसान की मौत हो गई. अगले दिन सुबह होने पर बुजुर्ग किसान घर नहीं लौटा तो परिजनों ने खेतों में जाकर देखा. वहां किसान का शव खेत में पड़ा हुआ था.
कानपुर देहात के रसूलाबाद तहसील की यह घटना है. यहां पाल नगर के रहने वाले 72 वर्षीय रूपराम ने अपने खेत में रबी की फ़सल बोई थी. छुट्टा जानवरों से फसल बचाने के लिए रूपराम खेतों में ही अपना समय गुजारते थे.
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हर दिन की तरह रूपराम सोमवार की सर्द रात में अपने खेतों में आवारा जानवरों से फसलों को बचाने के लिए पहरा दे रहे थे. परिवार वालों का कहना है कि ठंड लगने से रूपराम की मौत हो गई. घटना की जानकारी तब मिली जब अगली सुबह घरवाले रूपराम के ढूंढते खेत में गए. वहां उनका शव पड़ा दिखाई दिया. रूपराम की मौत ठंड लगने से हो गई. इससे एक दिन पहले भी रसूलाबाद तहसील में गोपालपुर कहिंझरी के रहने वाले किसान की मौत हो गई थी. किसानों का कहना है कि ऐसी घटनाएं इसलिए हो रही हैं क्योंकि ठंड में भी लोगों को फसल बचाने के लिए रात-रात भर रखवाली करनी पड़ती है.(फिरोजाबाद से सुधीर शर्मा, कानपुर से सूरज सिंह की रिपोर्ट)
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