उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को दशहरी आम के लिए भी जाना जाता है. इसी कड़ी में लखनऊ में एक अनोखा बाग है, जहां साल के 12 महीने आम से पेड़ लदे रहते हैं. इस बाग में देसी प्रजाति के अलावा अमेरिका, बैंकॉक, साउथ अफ्रीका, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया और इंडोनेशिया के साथ कई देशों के आम भी खाने के लिए मिलते हैं. हर एक आम का रूप, रंग और आकार के साथ ही स्वाद अलग है. सभी आमों की गुठली और रेशा भी अलग होता है. इन आमों की कई खासियत हैं, जैसे ये बेहद रंग-बिरंगे हैं और रंग लोगों को आकर्षित करता है. यह 17 दिन तक बिना सड़े चल सकते हैं. कहीं बाहर भी भेजना हो तो भेजा जा सकता है. इसके अलावा इनका आकार अलग होता है और यह सेहतमंद होते हैं.
इस अद्भुत बाग की चर्चा पूरे लखनऊ में हो रही है.
बाग की खासियत के बारे में विस्तार से बताते हुए लखनऊ निवासी एससी शुक्ला ने बताया कि एक ही पेड़ पर दो से तीन प्रजातियों के आम लगे हुए हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें आमों को लगाने का शौक था, तो एक बाग तैयार किया. फिर विभिन्न प्रजातियों को इसमें लगाना शुरू किया. परिणाम अच्छा निकला तो इस काम को करते-करते अब 10 साल हो गए हैं. करीब 250 से ज्यादा देसी-विदेशी प्रजातियां आमों की यहां पर मिलती हैं.
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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दशहरी आम की अच्छी खासी पैदावार होती है. बताया जाता है कि काकोरी स्टेशन से सटे दशहरी नाम के गांव में उगाया गया था. इस कारण इस आम को दशहरी आम के नाम से जाना जाता है.
आम उत्पादक नेशनल अवार्ड विनर एससी शुक्ला कहते हैं कि दशहरी, लंगड़ा और चौसा हर बार मौसम का शिकार हो रहे हैं, जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है. इनकी खासियत यह है कि इन आमों की प्रजातियां विभिन्न होने की वजह से ये आम महंगे बिकते हैं. जबकि दशहरी, लंगड़ा और चौसा ये सस्ते बिकते हैं. पूरे साल की मेहनत भी किसानों की बेकार हो जाती है. ऐसे में किसानों को भी इन आमों को लगाकर बेचने से अच्छा लाभ मिलेगा. वह किसानों को जागरूक कर रहे हैं कि इन प्रजातियों के आमों को वो अपने बागों में अब लगाना शुरू करें.
वहीं 12 महीने इस बाग में लगने वाले आमों को देखकर अनुपम खेर समेत कई सेलिब्रिटी भी मुरीद हो गए थे. एससी शुक्ला ने बताया कि उनके बाग में अनुपम खेर, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, कुमार विश्वास, रवि शंकर के साथ ही बाबा रामदेव भी आ चुके हैं. खासतौर पर कुमार विश्वास ज्यादा हैरान हुए थे, क्योंकि किसी को भरोसा नहीं हुआ था कि 12 महीने आम खाने के लिए किसी जगह पर मिल सकते हैं.
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एससी शुक्ला बीते चार सालों से आम की 300 प्रजातियों के लिए सर्वश्रेष्ठ आम उत्पादक का खिताब जीत रहे हैं. प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी एससी शुक्ला को कई बार पुरस्कृत कर चुके हैं.
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