धान खरीद पर योगी सरकार का फोकसमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धान खरीद की समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि धान क्रय केंद्रों पर आने वाले हर किसान का धान बिना किसी परेशानी के खरीदा जाए. उन्होंने कहा कि खरीद की गति और तेज होनी चाहिए, ताकि किसानों को कतार में न लगना पड़े और उन्हें किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े.
इस साल सरकार ने कॉमन धान का एमएसपी 2369 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-A धान का एमएसपी 2389 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 69 रुपये ज्यादा है. वर्तमान में 4,227 खरीद केंद्र संचालित हो रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि इस संख्या को बढ़ाकर 5,000 किया जाए. इससे किसानों को अपने गांव और कस्बों के पास ही धान बेचने की सुविधा मिल सकेगी.
बैठक में बताया गया कि 30 नवंबर तक 1,51,030 किसानों से 9.02 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है. साथ ही ₹1,984 करोड़ से ज्यादा की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजी गई है. मुख्यमंत्री ने सख्ती से कहा कि भुगतान में किसी भी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
मुख्यमंत्री ने मिड-डे मील और आंगनबाड़ी केंद्रों में फोर्टिफाइड चावल की निर्बाध सप्लाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. इसके लिए पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध होना चाहिए. उन्होंने एफआरके (Fortified Rice Kernel) सप्लाई को सुचारु रखने के लिए वेंडरों की संख्या बढ़ाने और तकनीकी समस्याओं का तुरंत समाधान करने को कहा. बैठक में बताया गया कि अब तक लगभग 2,130 मीट्रिक टन एफआरके गुणवत्ता जांच में सफल रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि धान खरीद केंद्रों पर भीड़ नहीं लगनी चाहिए और न ही किसी किसान को वापस लौटना पड़े. इसके लिए जरूरत के अनुसार मैनपावर बढ़ाया जाए. उन्होंने धान उठान, मिल-मैपिंग और अन्य प्रक्रियाओं को और सरल बनाने पर जोर दिया, ताकि खरीद लगातार चलती रहे.
बैठक में खाद और बीज की उपलब्धता पर भी चर्चा हुई. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि किसी भी जिले में खाद या बीज की कमी नहीं होनी चाहिए. किसानों को दोनों चीजें आसानी से मिलनी चाहिए. उन्होंने संबंधित विभागों को स्टॉक और सप्लाई की नियमित समीक्षा करने के आदेश दिए.
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