उत्तर प्रदेश में योगी सरकार नए साल के पहले महीने यानी जनवरी 2025 में गन्ना किसानों को बड़ा तोहफा देने की तैयारी में है. यूपी सरकार गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ा सकती है. प्रदेश सरकार के गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने इंंडिया टुडे के किसान तक से खास बातचीत में ये संकेत दिए हैं. गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने बताया कि जनवरी महीने के दूसरे हफ्ते में जब भी कैबिनेट मीटिंग होगी इसमें फैसला लिया जा सकता है. उन्होंने बताया कि गन्ना रिसर्च सेंटर और एक्सपर्ट की रिपोर्ट आ गई है.
ऐसी उम्मीद हैं कि आने वाले 10 से 15 जनवरी के बीच जब भी कैबिनेट मीटिंग होगी उस समय चर्चा करके गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाने का ऐलान हो जाएगा. वहीं कितना गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाया जाएगा इस पर गन्ना मंत्री ने कोई भी बयान देने से बचते नजर आए. इससे पहले 18 जनवरी 2024 को गन्ने का समर्थन मूल्य 20 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया था.
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले योगी आदित्यनाथ सरकार ने यूपी के गन्ना किसानों को तोहफा देते हुए गन्ने का समर्थन मूल्य 20 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिया था. 2017 में पहली बार जब बीजेपी की सरकार बनी थी तब गन्ने के समर्थन मूल्य में 10 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई थी. इसके बाद 2022 विधानसभा चुनाव से पहले 2021 में गन्ने के मूल्य में 25 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की थी. इस तरह देखा जाए तो पिछले सात सालों में योगी सरकार ने गन्ने का समर्थन मूल्य 55 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया है.
उत्तर प्रदेश भारत के सबसे बड़े गन्ना उत्पादक राज्यों में से एक है. प्रदेश में इस साल (2024-25) का गन्ना पेराई सत्र शुरू हो चुकी है. लेकिन अभी तक उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ने का राज्य परामर्श मूल्य (SAP) घोषित नहीं किया है. वहीं उत्तर प्रदेश की 70 चीनी मिलों ने किसानों से गन्ने की खरीद शुरू कर दी है. उधर, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने यूपी सरकार से मांग करते हुए कहा कि बढ़ती महंगाई और लागत को देखते हुए गन्ने का भाव 500 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया जाए.
उत्तर प्रदेश में कुल 120 चीनी मिलों में से 93 मिलों के साथ निजी क्षेत्र सबसे आगे है, उसके बाद 24 इकाइयों के साथ सहकारी क्षेत्र और तीन के साथ उत्तर प्रदेश राज्य चीनी निगम (UPSSC) का स्थान है.
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