इस साल बिहार में पड़ रही कड़ाके की ठंड से किसान काफी खुश नजर आ रहे हैं, क्योंकि रबी फसलों की बुवाई करने वाले किसानों के लिए यह मौसम काफी अनुकूल है. वही मौसम के अनुकूल होने की वजह से ही इस साल किसानों ने जमकर गेहूं की बुवाई की है. कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अभी तक पूरे प्रदेश में पिछले साल की तुलना में 1.39 लाख हेक्टेयर में गेहूं का रकबा बढ़ा है. वही कृषि विभाग के अधिकारियों का मानना है कि अभी बुवाई का आंकड़ा और बढ़ने का अनुमान है.
किसानों ने पिछले साल गेहूं की बुवाई जहां 22.39 लाख हेक्टेयर में किया था. वहीं इस साल के चालू रबी सीजन में 23.78 लाख हेक्टेयर की बुवाई किसान अब तक कर चुके हैं. सभी जिलों से अभी तक की मिली आंकड़ों के अनुसार 1.39 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई का रकबा बढ़ा है.
बढ़ते गेहूं की बुवाई को देखते हुए कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार अभी भी कई जिलों में गेहूं की बुवाई की जा रही है. ऐसे में इन जिलों में आने वाले दिनों में यूरिया की जरूरत पिछले वर्ष से अधिक होगी. इसके मद्देनजर बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने पिछले दिनों केंद्र सरकार को पत्र लिखकर खाद का कोटा बढ़ाने की ओर ध्यान देने का आग्रह किया था.
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रबी की फसलों को लेकर कृषि मंत्री ने शुक्रवार को हुए बैठक में कहा कि, इस वर्ष राज्य में रबी फसलों के लिए मौसम अनुकूल है और इसके रकबे में भी काफी अच्छी बढ़ोतरी हुई है. इसलिए हमारी पहली प्राथमिकता फसल के प्रबंधन के साथ-साथ फसलों में लगने वाले कीट और रोगों पर नियंत्रण करने के उपाय के बारे में समय-समय पर किसानों को अवगत कराने की भी है, ताकि राज्य में गेहूं की फसलों के उत्पादन और उत्पादकता में बढ़ोतरी हो सके.
गेहूं के रकबे की बढ़ने की वजह हवा में नमी और ठंड को बताया जा रहा है. आपको बता दें कि ठंड रबी फसलों के लिए काफी अच्छा माना जाता है. पिछले कुछ वर्षों में राज्य में खाद्यान्न उत्पादन अच्छा रहा है. जहां 2019-20 में यह 163.80 लाख मीट्रिक टन था. तो वहीं 2020-21 में बढ़कर 179.52 लाख मीट्रिक टन हो गया. वहीं इस बार अनुमान लगाया जा रहा है कि यह और अधिक बढ़ेगा.
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