Wheat Farming: गेहूं फिर से तोड़ेगा पुराने रिकॉर्ड, एक्सपर्ट ने जारी किया बड़ा बयान, दे दी बड़ी सलाह

Wheat Farming: गेहूं फिर से तोड़ेगा पुराने रिकॉर्ड, एक्सपर्ट ने जारी किया बड़ा बयान, दे दी बड़ी सलाह

कृषि वैज्ञानिकों की माने तो इस बार गेहूं का रकबा देशभर में पिछले साल की अपेक्षा बढ़ेगा. इन सब तथ्यों को देखते हुए भारत सरकार ने इतने लाख टन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो पिछले साल से 2 लाख टन अधिक है.

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Wheat Farming: गेहूं फिर से तोड़ेगा पुराने रिकॉर्ड, एक्सपर्ट ने जारी किया बड़ा बयान, दे दी बड़ी सलाहगेहूं फिर से तोड़ेगा पुराने रिकॉर्ड

देश के लगभग सभी राज्यों में गेहूं की बुवाई जारी है. इस बीच हरियाणा के करनाल जिले में गेहूं की फसल के लिए मौसम अनुकूल बना हुआ है, जिससे वैज्ञानिक खासे उत्साहित नजर आ रहे है. अब तक देश में गेहूं की बुवाई काफी अधिक रही है. इससे काफी अच्छी फसल होने की संभावना है. वहीं, गेहूं बुवाई का लक्ष्य काफी हद तक पूरा हो चुका है, केवल पछेती किस्मों की बुवाई  बाकी है जो जल्द ही पूरा होने की संभावना है. ऐसे में आइए जानते हैं कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को क्या सलाह दी है.

सरकार ने इतने लाख टन गेहूं का रखा लक्ष्य

कृषि वैज्ञानिकों की माने तो इस बार गेहूं का रकबा देशभर में पिछले साल की अपेक्षा बढ़ेगा. इन सब तथ्यों को देखते हुए भारत सरकार ने 119 लाख टन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो पिछले साल से 2 लाख टन अधिक है. पिछले साल भारत सरकार ने 115 लाख टन उत्पादन का लक्ष्य रखा था, जो न केवल पूरा हुआ बल्कि लक्ष्य से 2 लाख टन अधिक था. वहीं,कृषि वैज्ञानिकों ने कहा कि इस वक्त गेहूं की फसल के लिए बढ़िया मौसम चल रहा है, ठंड अच्छी हो रही है, इन सबके अलावा दिन में प्रकाश काफी अच्छा आ रहा है, जो गेहूं की फसल के लिए किसी वरदान से कम नहीं है.

"गेहूं की फसल के लिए मौसम अनुकूल"

भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान करनाल के निदेशक डॉ रतन तिवारी ने बताया कि गेहूं की फसल के लिए मौसम अनुकूल है, गेहूं बुवाई का कार्य काफी हद तक पूरा हो चुका है, केवल पछेती किस्में लगाने वाला रकबा बाकी है. गन्ना की फसल के बाद खेत खाली होने की वजह से गेहूं बुवाई का कार्य पूरा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि पिछले साल से कितना रकबा इस बार बढ़ेगा, अभी फाइनल आकड़े आने बाकी है. लेकिन इतना तय है कि अभी तक मिले आकड़ों अनुसार पिछले साल की अपेक्षा गेहूं का रकबा बढ़ा है.

गेहूं की फसल में दिख रहा दीमक का प्रकोप

डॉ रतन तिवारी ने कहा कि पिछले साल 32 लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल लगी हुई थी, जबकि उत्पादन का लक्ष्य 115 लाख टन रखा गया था. लेकिन फसल का उत्पादन 117 लाख टन हुआ था, जो रिकार्ड तोड़ उत्पादन था. उन्होंने कहा कि कुछ किसानों ने 25 अक्टूबर के आसपास अगेती किस्मों की गेहूं की बुवाई की थी, उनकी ग्रोथ काफी अच्छी चल रही है. शुरूआती दौर में देखा गया है कि जहां पर बलुई मिट्‌टी होती है, पानी का रिटेक्शन कम होता हैं, उन जगहों पर दीमक का प्रकोप देखने को मिल सकता है. इसे रोकने के लिए किसानों को पहली सिंचाई के 21 दिनों के आसपास क्लोरिपाईरिफास नामक दवाई को सिंचाई के साथ देना चाहिए. या फिर रेत के साथ मिलाकर सिंचाई से पहले खेतों में डाल दें, फिर सिंचाई कर दें. इससे दीमक से बचाव होगा ओर अकूंरित गेहूं खराब नहीं होगा. 

21 से 25 दिनों के बीच जरुर करें सिंचाई

उन्होंने कहा कि अभी बरसात की संभावना नजर नहीं आ रही है. इसे देखते हुए 21 से 25 दिनों के बीच में सिंचाई जरुर कर दें. निदेशक ने कहा कि संस्थान की डीडब्ल्यू 327, 370,372, 187 आदि गेहूं की किस्में किसानों के बीच खासी पंसद की जा रही है. हालांकि, संस्थान द्वारा ईजाद की गई सभी किस्में काफी अच्छी पैदावार देने वाली हैं. 

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