पश्चिम बंगाल में धान की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के लिए चावल की जरूरतों को पूरा करने के लिए सीमांत किसानों से धान की खरीद की जाएगा. खास बात यह है कि इसके लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने सारी तैयारी कर ली है. उसने छोटे और सीमांत किसानों को इस बोरो सीजन में 30 क्विंटल तक धान बेचने की अनुमति दी है. यानी एक किसान से 30 क्विंटल तक ही धान की खरीद की जाएगी. वहीं, कहा जा रहा है कि यह लगातार दूसरा बोरो सीजन है, जिसमें राज्य सरकार किसानों से अतिरिक्त धान खरीदेगी.
बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने एक आदेश में कहा है कि छोटे और सीमांत किसानों को बोरो सीजन में भी 30 क्विंटल तक धान बेचने की अनुमति देने के लिए कई जिलों से प्रस्ताव मिले हैं. एक अधिकारी ने कहा कि सरकार की यही कोशिश है कि सीमांत किसानों की आय किसी तरह से प्रभावित न हो. उन्हें उनकी उपज का उचित रेट मिले. वहीं, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को पीडीएस की जरूरतों को पूरा करने के लिए 2 से 3 महीनों में 30 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने की योजना है. इसके लिए तैयारी की जा रही हैं.
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वहीं, राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने एक आदेश में कहा है कि वैध किसानों और यानी केबी आईडी वाले किसानों को आगामी बोरो सीजन में इस केएमएस 2023-24 में भी 30 क्विंटल धान बेचने की अनुमति देने में रुचि है. सरकार पीडीएस की जरूरत के लिए खुले बाजार से धान खरीद सकती है. लेकिन इस मामले में फायदा सिर्फ व्यापारियों को ही होगा. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि छोटे और सीमांत किसानों को समर्थन देने के लिए, राज्य सरकार ने उनसे धान खरीदने का फैसला किया है.
अधिकारी ने कहा कि इस साल, हमने पीडीएस की आवश्यकता को पूरा करने के लिए 63 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य तय किया है. अब तक हमने इस केएमएस में 41.73 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा है.
बता दें कि पिछले महीने खबर सामने आई थी कि पश्चिम बंगाल में चावल उत्पादन में आई गिरावट से देश का उत्पादन आंकड़ा नीचे खिसक गया है. पश्चिम बंगाल बीते कई वर्षों से उत्पादन में शीर्ष पर रहता था, लेकिन इस बार 2023-24 सीजन में उत्पादन घटने से चौथे स्थान पर खिसक कर आ गया है. हालांकि, ग्रीष्मकालीन फसल के उत्पादन को शामिल करने से स्थिति में सुधार की संभावना जताई जा रही है. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के ताजा फसल अनुमानों के अनुसार चावल उत्पादन में टॉप पर रहने वाला पश्चिम बंगाल 2023-24 फसल वर्ष जुलाई-जून में चौथे स्थान पर लुढ़क गया है.
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