आंध्र प्रदेश में तूफान को लेकर अनिश्चितता आंध्र प्रदेश के किसान अभी साइक्लोन मोंथा के असर से ठीक से उबरे भी नहीं कि एक और साइक्लोन की आहट सुनाई देने लगी है. आंध्र प्रदेश के कृषि मंत्री किन्जरापाउ अच्चन्नायडु ने किसानों से अलर्ट रहने की अपील की है. दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर बना डीप डिप्रेशन अगले 48 घंटों के भीतर एक प्रचंड चक्रवात में बदल सकता है. उन्होंने चेतावनी दी कि यह मौसम प्रणाली बंगाल की खाड़ी में अत्यधिक अनुकूल परिस्थितियों के बीच पश्चिम-उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रही है. मंत्री ने इसके साथ ही कृषि विभाग और जिला अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने और तुरंत एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.
मंगलवार को अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक में मंत्री ने कहा कि फील्ड-स्तर के कृषि अधिकारी गांवों का दौरा करें और किसानों को खड़ी फसलों, कटे हुए उत्पाद और पशुधन की सुरक्षा के लिए जरूरी उपायों के बारे में सलाह दें. उन्होंने बताया कि जिन किसानों ने धान की कटाई पूरी कर ली है, उन्हें बिना देरी किए अपनी उपज को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा देना चाहिए. सरकार द्वारा तिरपाल की चादरें मुफ्त में उपलब्ध कराई जा रही हैं. जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि वे इन्हें सभी योग्य किसानों को तेजी से उपलब्ध कराएं, ताकि उनकी उपज बारिश और तेज हवाओं से सुरक्षित रहे.
कृषि मंत्री किन्जरापाउ अच्चन्नायडु ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि वो लगातार मौसम संबंधी अपडेट जारी करते रहे. साथ ही रायलसीमा तथा पूरे उत्तर तटीय आंध्र क्षेत्र में तैयारियों को तेज करें, जहां चक्रवात के गंभीर प्रभाव की आशंका है. राज्य में अभी कृषि से जुड़ी गतिविधियां जारी हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने जोर देकर कहा कि फसल हानि से बचने के लिए इस महत्वपूर्ण समय में एहतियाती कदम बेहद आवश्यक हैं.
आईएमडी के बयान के अनुसार हिंद महासागर में इस समय दो मौसम सिस्टम एक्टिव हैं. इसके चलते अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, तमिलनाडु के कुछ हिस्सों, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश और केरल के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. प्राइवेट मौसम एजेंसी स्काईमेट ने कहा कि फोरकास्ट मॉडल दो संभावित हालात दिखा रहे हैं , यह सिस्टम 29-30 नवंबर के आसपास तमिलनाडु-आंध्र प्रदेश के तट के पास से गुजर सकता है. या फिर यह उत्तर की ओर मुड़ सकता है, तट से दूर रह सकता है और बंगाल की खाड़ी के ऊपर धीरे-धीरे कमजोर पड़ सकता है.
समुद्र में प्रतिकूल परिस्थितियों के चलते भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी दी है, जबकि जो पहले से समुद्र में हैं उन्हें तुरंत तट पर लौटने की सलाह दी गई है. आपदा प्रबंधन टीमों को सतर्क रहने और हालात पर करीब से नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं. मंत्री ने कहा है कि सभी विभागों को मिलकर काम करना चाहिए ताकि तूफान के नजदीक आने पर किसानों और आम जनता को किसी भी तरह की परेशानी न हो.
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