भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) किसानों की आय बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है. वैज्ञानिक रोज अपने प्रयोगों के माध्यम से कड़ी मेहनत से किसानों के लिए कई किस्में तैयार की जा रही हैं. ताकि किसानों को उनकी आय बढ़ाने में मदद मिल सके. गेहूं भारत में उगाई और खाई जाने वाली प्रमुख फसल है. यही कारण है कि किसान गेहूं कि खेती अधिक से अधिक क्षेत्रफल मंं करते हैं. ऐसे में कई किस्में ऐसी हैं जिसे खास अधिक पैदावार के लिए तैयार किया गया है. इनमें से सबसे अच्छी और सबसे पुरानी किस्म SW-23 है. ऐसे में आइए जानते हैं गेहूं की इस किस्म के बारे में विस्तार से.
SW-23 गेहूं की किस्म सिंजेंटा सीड्स इंडिया लिमिटेड की एक शोध गेहूं किस्म है. यह मध्यम लंबाई वाली गेहूं की किस्म है. जिसकी लंबाई लगभग 95 सेंटीमीटर रहती है. गेहूं की इस किस्म में कल्लों का फूटना अधिक होता है. गेहूं की इस किस्म का तना मजबूत होता है, जो इसे गिरने के प्रति सहनशील बनाती है.
गेहूं की यह किस्म पीला रतुआ, सफेद रतुआ और भूरा रतुआ जैसी बीमारियों के प्रति सहनशील है. यह किस्म किसानों को कम लागत में अच्छी पैदावार देती है. गेहूं की इस किस्म को पकने में लगभग 125 दिन से 135 दिन का समय लगता है. यह किस्म अलग-अलग जलवायु में कम या ज्यादा उपज दे सकती है.
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गेहूं की इस किस्म की बुआई आप 20 नवंबर तक कर सकते हैं. क्योंकि यह किस्म पाले के प्रति सहनशील है. इसलिए यह मार्च की गर्म हवाओं से पहले पक जाता है और किसानों को अच्छी पैदावार प्रदान करता है.
गेहूं की इस किस्म की पैदावार 28 से 32 क्विंटल प्रति एकड़ तक होती है. यह किस्म सघन क्षेत्र के लिए तैयार की गई है. अत: संचित एवं असंचित क्षेत्रों में इस किस्म के उत्पादन के भिन्न-भिन्न परिणाम देखने को मिलते हैं.
इस किस्म के गेहूं की प्रति 20 किलो की बोरी आपको 1200 से 1300 रुपये आसानी से मिल जाएगी. इस किस्म के बीज आप किसी भी नजदीकी बीज विक्रेता से खरीद सकते हैं.
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