अगर आप टमाटर की कीमतों से परेशान हैं तो जान लें कि सितंबर तक इसके भाव गिरने वाले नहीं हैं. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर में सितंबर तक टमाटर की कीमतें नहीं घटेंगी और आने वाले दिनों में भाव और बढ़ सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर में टमाटर की कीमत 200 रुपये प्रति किलो को पार कर सकती है. 'टाइम्स ऑफ इंडिया' की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में आने वाले समय में टमाटर का भाव अब तक का रिकॉर्ड बना सकता है और कीमत 200 रुपये को पार कर सकती है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि टमाटर उगाने वाले प्रदेशों में पैदावार बहुत ज्यादा गिर गई है.
दिल्ली के सब्जी थोक विक्रेता बताते हैं कि सोमवार को उत्तराखंड में 25 किलो के क्रेट का भाव 4100 रुपये लगा. अगर इसमें मंडी का कमीशन, उत्तराखंड से दिल्ली तक ढुलाई का खर्च आदि जोड़ने के बाद दिल्ली के मंडी में यही एक क्रेट 5,000 रुपये तक पड़ रहा है. केशोपुर मंडी के थोक व्यापारी सरदार टोनी सिंह ने 'टाइम्स ऑफ इंडिया' से कहा कि उन्होंने देहरादून से एक क्रेट 4100 रुपये में खरीदा. उन्होंने कहा कि इस बार के भाव पिछले साल के सभी रिकॉर्ड को तोड़ चुका है. इस सीजन में टमाटर का रेट अकसर 25 किलो के क्रेट के लिए 1200 से 1400 रुपये होता है. लेकिन इस बार जिस तरह की तेजी देखी जा रही है, वैसी कभी नहीं देखी गई.
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आपको बता दें कि जून महीने में टमाटर के भाव चढ़ने शुरू हुए. कुछ राज्यों में जून महीने में बेमौसम बारिश हुई जिसके बाद फसल नष्ट हुई और पैदावार गिर गई. उसका असर अभी तक देखा जा रहा है. अभी खुले बाजारों में टमाटर का भाव 150 से 180 रुपये किलो तक है. महंगाई का असर है कि लोगों की थाली से टमाटर गायब हो गया है. लोगों ने किलो के बदले पाव में टमाटर खरीदना शुरू किया है. यहां तक कि बड़े-बड़े होटल चेन भी टमाटर का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं.
हालांकि टमाटर के भाव को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने एक कदम उठाया है. केंद्र सरकार सब्सिडी रेट पर टमाटर बेच रही है. सरकार ने अभी देश के 500 सेंटरों पर टमाटर बेचना शुरू किया है. यह टमाटर शुरू में 90 रुपये किलो बेचा जा रहा था, लेकिन बाद में उसका भाव घटाकर 70 रुपये कर दिया गया. यह टमाटर सस्ता तो बिक रहा है, लेकिन इससे कई लोगों की जरूरत पूरी नहीं हो रही क्योंकि इसका भी एक किलो का कोटा फिक्स किया गया है.
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दिल्ली की जहां तक बात है तो यहां बाहरी प्रदेशों से टमाटर आता है. दिल्ली में उत्तराखंड, हरियाणा, कर्नाटक और महाराष्ट्र से टमाटर की खेप आती है. इस बार इन राज्यों में फसल बहुत कम हुई है, इसलिए रेट में तेजी देखी जा रही है. दूसरा मामला ये है कि 2020 और 2021 में टमाटर की पैदावार बहुत हुई थी, लेकिन मांग बेहद कम रही. इससे किसानों को बहुत घाटा हुआ. उससे बचने के लिए किसानों ने इस साल टमाटर की कम खेती की थी. लेकिन अचानक बारिश होने से फसल खराब हो गई और पैदावार गिर गई. इससे रेट में भारी इजाफा देखा जा रहा है.
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