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Tobacco Farming: कर्नाटक में शुरू हुई तम्बाकू की खेती, 100 मिलियन किग्रा का टारगेट

Tobacco Farming: कर्नाटक में शुरू हुई तम्बाकू की खेती, 100 मिलियन किग्रा का टारगेट

कर्नाटक के किसानों ने तम्बाकू की खेती शुरू कर दी है, जो मैसूर जिले में बड़े पैमाने पर उगाई जाने वाली एक प्रमुख व्यावसायिक फसल है. मैसूर तंबाकू के लिए अनुकूल स्थान माना जाता है और यहां के तम्बाकू की निर्यात मांग काफी अधिक है.

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कर्नाटक में शुरू हुई तम्बाकू की खेती, फोटो साभार: freepik कर्नाटक में शुरू हुई तम्बाकू की खेती, फोटो साभार: freepik

देश के अलग-अलग राज्यों में कहीं अधिक तो कही छिटपुट हो रही बारिश के बीच, कर्नाटक के किसानों ने तम्बाकू की खेती शुरू कर दी है, जो मैसूर जिले में बड़े पैमाने पर होने वाली एक प्रमुख व्यावसायिक फसल है. यहां पर किसान बड़े पैमाने पर तम्बाकू की खेती करते हैं. इसके लिए तम्बाकू बोर्ड एक सीजन में कितने तम्बाकू की खेती होगी वह तय करती है. इसी को लेकर 2023-24 सीजन के लिए, तम्बाकू बोर्ड ने कर्नाटक राज्य के किसानों के लिए  2022-23 सीजन में उगाई गई तम्बाकू के फसल के जितना ही लक्ष्य इस सीजन भी रखा है. इसके लिए बोर्ड ने 100 मिलियन किलोग्राम का टारगेट निर्धारित किया है.

वहीं पिछले साल मिली बेहतर कीमतों की वजह से मौजूदा फसल सीजन में किसानों की दिलचस्पी ज्यादा दिख रही है. तंबाकू बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, औसत नीलामी कीमत एक साल पहले 185 रुपये प्रति किलोग्राम थी. इस साल यह 228 रुपये प्रति किलोग्राम थी.

40-50 फीसदी इलाकों में हो गई है तंबाकू की बुआई

फेडरेशन ऑफ कर्नाटक वर्जीनिया टोबैको ग्रोवर्स एसोसिएशन. के अध्यक्ष जावरे गौड़ा,  ने कहा कि अब तक बारिश न के बराबर हुई है. वहीं कई इलाकों में किसानों ने भूजल दोहन शुरू कर दिया है, जबकि कई किसान बारिश होने का इंतजार कर रहे हैं. साथ ही करीब 40-50 फीसदी इलाकों में तंबाकू की बुआई लगभग पूरी हो चुकी है.

बारिश से पिछले साल फसलें हुई थीं प्रभावित

2022-23 सीजन के दौरान लगभग 60,782 हेक्टेयर में फ्लू-क्योर्ड वर्जीनिया तम्बाकू उगाया गया था.  इस वर्ष रकबा समान रहने की उम्मीद है. तम्बाकू बोर्ड द्वारा निर्धारित 100 मिलियन किलोग्राम के फसल आकार के मुकाबले, कर्नाटक में वास्तविक उत्पादन 59.78 मिलियन किलोग्राम कम था. वहीं पिछले साल जून और जुलाई के दौरान लगातार हुई बारिश ने फसलों को प्रभावित किया, जिसके परिणामस्वरूप उत्पादन कम हुआ. वहीं पिछले वर्षों में औसत नीलामी की सेल अधिक थीं.

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एमडी के अनुसार, मैसूरु जिले में अब तक का प्री-मानसून सीजन सामान्य से लगभग आठ प्रतिशत अधिक है. 1 मार्च से 3 मई के दौरान सामान्य 89.2 मिमी के मुकाबले 96.4 मिमी बारिश हुई है.

मैसूर तंबाकू की निर्यात मांग अधिक 

वर्जीनिया तंबाकू, कर्नाटक के दक्षिणी भागों में उत्पादित मुख्य किस्म है. मैसूर तंबाकू के लिए ब्रांडेड मानी जाती है और यहां के तम्बाकू की निर्यात मांग काफी अधिक है. गौड़ा ने कहा कि मैसूर तंबाकू का इस्तेमाल दुनिया के किसी भी अन्य तंबाकू के साथ मिश्रण के लिए किया जाता है क्योंकि इसका रसायन अच्छा होता है और इसमें कम निकोटीन, कम टार और कम चीनी होती है.