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बढ़ते तापमान का बागानों पर दिखने लगा असर, वैज्ञानिकों ने आम और लीची उत्पादकों को दिए ये सुझाव

बढ़ते तापमान का बागानों पर दिखने लगा असर, वैज्ञानिकों ने आम और लीची उत्पादकों को दिए ये सुझाव

अप्रैल महीने में तापमान बढ़ने की वजह से आम के उत्पादन पर असर दिख रहा है. वहीं गर्मी को देखते हुए किसान आम और लीची के बाग में नमी बनाए रखें. मौसम विभाग के अनुसार आने वाले 48 घंटों के दौरान दो से चार डिग्री तक तापमान बढ़ने की उम्मीद है. 

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अलनीनो की गर्मी से आम और लीची पर खतरा अलनीनो की गर्मी से आम और लीची पर खतरा

बीते कुछ सालों से जलवायु परिवर्तन का सीधा असर बिहार में देखने को मिल रहा है. सामान्य से अधिक ठंड, कभी अधिक गर्मी तो कभी बेमौसम बारिश की वजह से आम जीवन से लेकर कृषि भी प्रभावित हो रही है. इस बार अप्रैल के महीने में ही मौसम के बदले हुए मिजाज को देखा जा सकता है. जहां इस महीने में सामान्य तौर से तापमान करीब 40 डिग्री के नीचे रहता था. वहीं अबकी बार राज्य का तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच गया है. जो आगे भी इसी तरह से रहने का अनुमान मौसम विभाग पटना द्वारा लगाया गया है. वहीं आने वाले 48 घंटों के दौरान तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस बढ़ने का अनुमान है, जो एक मई तक रहने का अनुमान है.

राज्य के तापमान में बढ़ोतरी को देखते हुए कृषि वैज्ञानिक आम और लीची के बागान में नमी बनाए रखने की सलाह दे रहे हैं. हालांकि इस बढ़े हुए तापमान के क्रम लीची का उत्पादन बेहतर होने के साथ आम के उत्पादन में पचास प्रतिशत कमी होने की उम्मीद वैज्ञानिक से लेकर किसान लगा रहे हैं. आम के उत्पादन को लेकर किसान अपना अनुभव शेयर करते हुए कहते हैं कि इस बार आम के मंजर में परागण से लेकर अभी तक बारिश और गर्मी का प्रभाव देखने को मिला है. इसकी वजह से पचास प्रतिशत उत्पादन होने की उम्मीद है. अगर आगे सब कुछ ठीक रहा तो यह आंकड़ा बना रहेगा. वरना आंधी तूफान के ग्राफ में बढ़ोतरी हुई तो आम के उत्पादन पर असर पड़ेगा. जिससे किसानों को नुकसान होगा.

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आम और लीची के बगीचे में बनाएं रखें नमी

डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा समस्तीपुर के कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार गर्म हवा से आम और लीची को सुरक्षित रखने के लिए किसान बगीचे में नमी बनाए रखें. क्योंकि नमी नहीं होने की वजह से फलों को नुकसान पहुंचता है. आगे कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि अगर पिछले साल फल फटने की समस्या अधिक रही हो तो इस बार बाग में 4 ग्राम घुलनशील बोरान प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें. जिससे आने वाले समय में फल फटने की समस्या से निजात मिल जाएगा. वहीं आम में फल मक्खी प्रबंधन के लिए किसान प्रति हेक्टेयर 15 से 20 फरोमैन ट्रैप लगाकर फ्रूट फ्लाई मक्खी को प्रतिबंधित कर सकते हैं. 

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मैंगो मैन ने कहा आम इस बार होगा खास

बिहार के मैंगो मैन अशोक चौधरी कहते है कि इस साल आम के उत्पादन में कमी देखने को मिल सकता है. क्योंकि जब आम के मंजर में परागण का समय था, उस समय बारिश होने से नुकसान हुआ. वहीं अब अप्रैल के महीने में 40 के पार तापमान पहुंच गया है, जिसकी वजह से आम का टिकोरा झड़ रहा है. जबकि इस महीने में आम के लिहाज से 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान नहीं रहना चाहिए. अभी का तापमान काफी अधिक है. वहीं जब आम का साइज बड़ा हो जाए तो गर्मी अधिक रहे तो कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. अगर मई के महीने में आंधी तूफान कम रहा तो 50 प्रतिशत आम होने की उम्मीद है. नहीं तो यह आंकड़े कम भी हो सकता है.