महाराष्ट्र-कर्नाटक में समय से पहले ही खत्म हो जाएगा पेराई सीजन, गन्ने की कमी से चीनी उत्पादन में गिरावट की चिंता 

महाराष्ट्र-कर्नाटक में समय से पहले ही खत्म हो जाएगा पेराई सीजन, गन्ने की कमी से चीनी उत्पादन में गिरावट की चिंता 

गन्ने की कमी के चलते महाराष्ट्र और कर्नाटक में वर्ष 2024-25 के लिए चालू पेराई सत्र को जल्दी खत्म किए जाने की संभावना है. अब तक बीते साल की तुलना में चीनी उत्पादन 13 फीसदी कम है, जो आने वाले महीनों में कीमतों को प्रभावित पर दबाव बना सकता है.

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महाराष्ट्र-कर्नाटक में समय से पहले ही खत्म हो जाएगा पेराई सीजन, गन्ने की कमी से चीनी उत्पादन में गिरावट की चिंता चालू सीजन में कुल चीनी का उत्पादन बीते साल से 13 फीसदी कम है.

गन्ना उत्पादन में कमी के चलते पेराई सीजन भी जल्द खत्म होने की आशंका जताई जा रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र और कर्नाटक में जनवरी के अंत तक करीब 12 मिलें बंद हो जाएंगी. जबकि फरवरी में 25 मिलें बंद होंगी. ऐसे में 2024-25 का पेराई सीजन एक महीने पहले खत्म होने की आशंका जताई जा रही है. इसका असर चीनी उत्पादन में गिरावट के रूप में देखने को मिल सकता है, जो कीमतों पर दबाव बढ़ाएगा. 

चीनी सीजन वर्ष 2024-25 में गन्ना की पेराई देर से शुरू होने के बाद भी जल्द ही खत्म हो सकती है. बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार गन्ने की कमी के चलते महाराष्ट्र और कर्नाटक में वर्ष 2024-25 के लिए चालू पेराई सत्र को जल्दी खत्म किए जाने की संभावना है. चालू सीजन के दौरान गन्ने का उत्पादन कम होने का अनुमान है, क्योंकि पिछले साल गर्मियों के दौरान प्रमुख उत्पादक राज्यों में कीटों के प्रकोप और पानी की कमी के चलते उपज प्रभावित हुई थी. 

मार्च में ही पेराई सीजन खत्म होने की आशंका 

नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव लिमिटेड शुगर फैक्ट्रीज (NFCSF) के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवरे ने कहा कि गन्ने की कमी के चलते 2024-25 का पेराई सीजन एक महीने पहले खत्म हो सकता है. नाइकनवरे ने कहा कि महाराष्ट्र और कर्नाटक में कुछ मिलें इस महीने के अंत तक बंद हो रही हैं. उन्होंने कहा कि जनवरी के अंत में गन्ने की कमी से करीब 12 मिलें बंद हो जाएंगी. फरवरी के मध्य तक 20-25 मिलें और बंद हो जाएंगी. ऐसे में मार्च के अंत तक सीजन खत्म हो जाएगा. फेडरेशन ने देश के चीनी उत्पादन में गिरावट का अनुमान लगाया है. प्रकाश नाइकनवरे ने कहा कि पिछले साल हमने करीब 319 लाख टन उत्पादन किया था. इस साल हम 270 टन उत्पादन का अनुमान लगा रहे हैं. 

मौजूदा सीजन में चीनी उत्पादन 13 फीसदी कम 

फेडरेशन की 15 जनवरी तक की ताजा पेराई रिपोर्ट के अनुसार इस साल करीब 507 मिलें गन्ने की पेराई कर रही हैं, जबकि पिछले साल 524 मिलें पेराई कर रही थीं. उत्तर प्रदेश में करीब 122 मिलें चालू हैं, जबकि पिछले साल 120 मिलें चालू थीं. महाराष्ट्र में इस साल 196 मिलें चालू हैं, जबकि एक साल पहले यह संख्या 206 थी. हालांकि, कर्नाटक में इस साल 77 मिलें चालू हैं, जबकि पिछले साल यह संख्या 74 थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 जनवरी 2025 तक करीब 1,482.14 टन गन्ने की पेराई हो चुकी है, जो एक साल पहले 1,612.83 टन से 8 फीसदी कम है. चालू सीजन में कुल चीनी का उत्पादन 130.55 टन है, जो एक साल पहले 151.20 टन से 13.65 फीसदी कम है. 

चीनी रिकवरी में भी गिरावट 

सभी चीनी उत्पादक राज्यों में रिकवरी कम है. इथेनॉल के लिए डायवर्जन को छोड़कर औसत चीनी रिकवरी अब तक 8.81 फीसदी है, जबकि एक साल पहले यह 9.37 फीसदी थी. निर्यात की अनुमति देने के सरकार के फैसले पर प्रकाश नाइकनवरे ने कहा कि यह फैसला सही समय पर आया है क्योंकि कीमतें बहुत निराशाजनक थीं. फैसले से सभी राज्यों में कीमतें मजबूत हुई हैं. 

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