Capsicum Farming in UP: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक किसान ने कमाल कर दिखाया है. जिले के रसूलपुर गांव के रहने वाले युवा किसान मनीष कुमार आधुनिक तरीके से शिमला मिर्च की खेती कर रहे हैं. इससे उनकी तकदीर बदल गई है. उनका कहना है कि वे शिमला मिर्च की खेती से साल में लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं. वे अपने खेत में हमेशा जैविक खाद का प्रयोग करते हैं. इससे उनके खेत में उगाई गई शमिला मिर्च की मांग और बढ़ गई है. खास बात यह है कि मनीष कुमार शिमला मिर्च के अलावा दूसरी सब्जियों की भी खेती करते हैं. इससे भी उन्हें बंपर कमाई होती है.
मनीष कुमार ने बताया कि पिछले वर्ष आधे बीघे में शिमला मिर्च लगाई थी, जिससे अच्छा मुनाफा हुआ. इस बार तीन बीघे में शिमला मिर्च की फसल लगाई है. उन्होंने आगे बताया कि करीब 60 से 65 दिनों में इन पौधों की हार्वेस्टिंग शुरू हो जाती है. साथ ही बताया कि एक बीघे में लागत 15 से 20 हजार रुपये आती है और मुनाफा करीब एक फसल पर दो से तीन लाख रुपये तक हो जाता है. बाजार में इस समय शिमला मिर्च का भाव 45 से 50 रुपये प्रति किलो चल रहा है. अगर किसान शिमला मिर्च की खेती करना चाहते हैं, तो सबसे पहले इसकी बेहतरीन किस्मों का चुनाव करें, क्योंकि अच्छी किस्म रहेगी, तभी बंपर पैदावार मिलेगी. ऐसे ओरोबेल, कैलिफोर्निया वंड और अर्का मोहिनी सहित शिमला मिर्च की कई ऐसी किस्में हैं, जिसकी खेती करने पर अच्छी पैदावार मिलेगी.
युवा किसान मनीष बताते हैं कि शिमला मिर्च एक ऐसी हरी सब्जी है, इससे कई तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं. लेकिन लोग शिमला मिर्च की सब्जी खाना ज्यादा पसंद करते हैं. इसमें विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन के और फाइबर प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं. साथ ही शिमला मिर्च में कैलोरी न के बराबर पाया जाता है. ऐसे में शिमला मिर्च के सेवन से कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल किया जा सकता है. यही वजह है कि मार्केट में शिमला मिर्च की हमेशा डिमांड बनी रहती है. आज बाराबंकी जिले में कई किसान भाई शिमला मिर्च की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.
मनीष ने बताया कि शिमला मिर्च की बुवाई वर्ष में तीन बार जा सकती है. गर्मी के मौसम में जून- जुलाई महीने में शिमला मिर्च की बुवाई की जाती है. बारिश के मौसम में अगस्त से सितंबर के दौरान किसान इसकी बुवाई कर सकते हैं. रबीफ सीजन वाली शिमला मिर्च की खेती अक्टूबर से नबंपर के बीच की जाती है.
शिमला मिर्च की खेती के लिए 18 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान सबसे उत्तम माना जाता है. इससे अधिक या कम होने पर हमें सिंचाई के जरिए उसको नियंत्रित करने की जरूरत पड़ती है. अधिक तापमान से शिमला मिर्च के फूल झड़ने लगते हैं. इसलिए शिमला मिर्च की समय- समय पर सिंचाई करते रहें, ताकि तापमान नियंत्रित रहे. वहीं, समय से खेत में गोबर की कंपोस्ट खाद (जैविक खाद) डालनी चाहिए. इससे शिमला मिर्च की अच्छी पैदावार होगी.
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