कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राजस्थान में खरीफ फसलों की बुआई सरकारी लक्ष्य के करीब या उससे अधिक रही है. लेकिन, पिछले एक सप्ताह से राज्य के कई हिस्सों में हो रही लगातार बारिश किसानों और सरकार के लिए मुसीबत बन सकती है, जो महंगाई पर लगाम लगाने की कोशिश कर रही है. जुलाई में खाद्य महंगाई दर घटकर 5.4 फीसदी रह गई, जो पिछले महीने 9 प्रतशित से अधिक थी. कमोडिटी व्यापारियों ने चेतावनी दी है कि अगर अगले कुछ दिनों तक बारिश जारी रही तो इससे करीब 40 फीसदी फसलों को नुकसान होगा.
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 4-5 दिनों में राज्य के कई हिस्सों, खासकर पूर्वी, पश्चिमी और मध्य भागों में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है. करीब 10-12 जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं. यहां तक कि खेत भी पानी से लबालब भरे हुए हैं. औसत से अधिक बारिश के कारण किसानों द्वारा बोए गए बीज सड़ने की आशंका है. कृषि और इससे जुड़े क्षेत्र राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में करीब 27 फीसदी का योगदान करते हैं. खरीफ के दौरान बोई जाने वाली मुख्य फसलें ग्वार, बाजरा, मूंग और सोयाबीन हैं जिन्हें वर्षा आधारित फसल भी कहा जाता है. अन्य प्रमुख फसलों में मक्का, मोठ और उड़द शामिल हैं. राजस्थान ग्वार (लाल मसूर) का सबसे बड़ा उत्पादक है, जो देश के कुल उत्पादन में लगभग 70 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है.
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जयपुर के प्रमुख दाल व्यापारी श्याम नाटाणी ने कहा कि अभी खरीफ फसलों को नुकसान की संभावना कम है. लेकिन यह बारिश अगले कुछ दिनों तक जारी रही, तो बहुत अधिक नुकसान की संभावना है. नाटाणी ने कहा कि अधिक पानी के कारण या तो बीज सड़ जाएंगे या उग नहीं पाएंगे. जयपुर के कूकरखेड़ा अनाज मंडी के ग्वार व्यापारी रामावतार खंडेलवाल ने कहा कि अगर अगले 2-4 दिनों तक बारिश जारी रही, तो फसलों को नुकसान की प्रबल संभावना है. मूंग, मोठ, तिल, ग्वार, ज्वार, बाजरा जैसी प्रमुख फसलों को 40 फीसदी तक नुकसान की आशंका रहेगी.
उन्होंने बताया कि राज्य के कई इलाकों में अभी पूरी बुवाई नहीं हो पाई है. ऐसे में अधिक पानी के कारण बीज उग नहीं पाएंगे. कृषि विभाग के 5 अगस्त तक के आंकड़ों के अनुसार ज्वार की बुवाई 6.40 लाख हेक्टेयर यानी लक्ष्य का 105 फीसदी, बाजरा की बुवाई 41.79 हेक्टेयर यानी लक्ष्य का करीब 95 फीसदी, चना की बुवाई 21.85 लाख हेक्टेयर यानी लक्ष्य का करीब 87 फीसदी, मोठ की बुवाई 8.31 लाख हेक्टेयर यानी राज्य सरकार द्वारा तय लक्ष्य का 85 फीसदी, मूंगफली की बुवाई 8.48 लाख हेक्टेयर यानी लक्ष्य का 106 फीसदी और ग्वार की बुवाई 88 फीसदी यानी लक्ष्य 24.31 लाख हेक्टेयर में पूरी हो चुकी है.
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