यूपी में रेशम की पैदावार एवं आपूर्ति बढ़ाने के लिए योगी सरकार का प्रयास जारी है. योगी सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से रेशम उत्पादक 50 हजार किसान परिवारों की जिंदगी को रौशन करने की कार्य योजना बनाई है. इसी के तहत राजधानी लखनऊ में रेशम प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने की योजना हैं. यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने कहा कि लखनऊ में एक रेशम प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किया जाएगा, जो प्रदेश के युवाओं को कौशल विकास और रोजगार के अवसर प्रदान करेगा. इसके लिए वर्ष 2025-26 के बजट में प्रावधान किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश सरकार के खादी ग्रामोद्योग रेशम उत्पादन एवं कपड़ा मंत्री राकेश सचान ने रेशम उद्योग में नवाचार को बढ़ावा देने और योजनाओं के लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि रेशम उद्योग न केवल प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान है, बल्कि यह आर्थिक विकास का भी महत्वपूर्ण स्तंभ है. उन्होंने बताया कि लखनऊ में स्थापित सिल्क टेस्टिंग लैब प्रदेश की पहली ऐसी लैब है, जहां शुद्ध सिल्क और सिंथेटिक सिल्क में अंतर की जांच की जा सकती है. इससे रेशम व्यापारियों और उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा. इसके साथ ही, प्रादेशिक को-ऑपरेटिव सेरीकल्चर फेडरेशन को सक्रिय करने और नई समितियों के गठन की प्रक्रिया भी शुरू की गई है, जिससे उद्योग को मजबूती मिलेगी.
यूपी के तराई क्षेत्र में पानी की पर्याप्त उपलब्धता के कारण रेशम उत्पादन की असीम संभावनाएं हैं. कम लागत में अधिक मुनाफे की वजह से यह क्षेत्र किसानों की आय बढ़ाने के साथ महिलाओं को स्वावलंबी बनाकर मिशन शक्ति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
देश में कुल रेशम उत्पादन में अभी यूपी की हिस्सेदारी महज 3 फीसद है. उचित प्रयास से यह हिस्सेदारी 15 से 20 फीसद तक हो सकती है. जानकारों की राय में रेशम उत्पाद के लिए यूपी में बाजार की कोई कमी नहीं है. अकेले वाराणसी एवं मुबारकपुर से रेशम की सालाना मांग 3000 मीट्रिक टन है. इस मांग की मात्र 1 फीसद आपूर्ति ही यूपी से हो पाती है.
जहां तक रेशम उत्पादन की बात है तो चंदौली, सोनभद्र, ललितपुर और फतेहपुर जिले, टसर उत्पादन के लिए मशहूर हैं. कानपुर शहर, कानपुर देहात, जालौन, हमीरपुर, चित्रकूट, बांदा और फतेहपुर में रेशम की खेती से जुड़ी 'एरी कल्चर' का बोलबाला है. सरकार रेशम की खेती के लिए इन सभी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अर्जुन का पौधरोपण कराएगी. जिससे इस पर रेशम कीट का भरपूर विकास हो सके.
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