पारंपरिक खेती में लगातार घटते मुनाफे को देखकर किसान अब व्यावसायिक खेती की ओर अधिक बढ़ते जा रहे हैं. दरअसल पारंपरिक में मुनाफा ना होने या कम होने की वजह से अधिकतर किसान लाभदायक फसलों की ओर रुख करने लगे हैं. इसी कड़ी में किसानों को फूलों की खेती के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसके लिए सरकार अपने स्तर पर किसानों को सब्सिडी भी देती है.
फूलों की खेती में सबसे पहले गुलाब के फूलों का ख्याल आता है. इस फूल का इस्तेमाल न सिर्फ सजावट और खुशबू के लिए बल्कि कई अन्य उत्पाद बनाने में भी किया जाता है. गुलाब के फूलों से गुलाब जल, गुलाब का इत्र, गुलकंद और कई तरह की औषधियां भी बनाई जाती हैं. कई कंपनियां किसानों से सीधे फूल खरीदती हैं और उन्हें अच्छा भुगतान भी करती हैं.
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गुलाब की खेती कर किसान लगातार 8-10 साल तक अच्छा मुनाफा कमा सकते है. गुलाब के एक पौधे से लगभग 2 किलो तक फूल प्राप्त होते हैं. गुलाब की खेती सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है. लेकिन दोमट मिट्टी में गुलाब बोने से पौधे बहुत तेजी से बढ़ते हैं. गुलाब की खेती ऐसे स्थान पर करें जहां जल निकास की पूरी व्यवस्था हो.
गुलाब की खेती के लिए ऐसे जगह का चुनाव करें जहां पर्याप्त मात्रा में सूर्य का प्रकाश हो. गुलाब की फसल को धूप की जरूरत होती है. खेतों में पौधे लगाने के बाद 7 से 10 दिन के अंदर गुलाब की सिंचाई करें. कृषि जानकारी के मुताबिक गुलाब की खेती में एक हेक्टेयर में 1 लाख रुपये की लागत पर 5 से 6 लाख रुपये का मुनाफा कमाया जा सकता है.
पौधा लगाने का उपयुक्त समय सितंबर से अक्टूबर का महीना है. बड़े आकार के पौधे 60-90 सेमी. और छोटे आकार के पौधे 30-45 सेमी. की दूरी पर रोपण करना चाहिए. रोपाई से पहले पौधे की सभी पतली शाखाओं को काट कर हटा दें, 4-5 स्वस्थ शाखाएं ही रखें.
जब फूल की कली का रंग दिखाई देने लगे और कली कसी हुई हो तो सुबह या शाम को फूल की डंठल को कैंची या तेज चाकू से काट लें और प्लास्टिक की बाल्टी में पानी भरकर रख दें. इसके बाद 20-20 डंठल बनाकर अखबार में लपेट लें और रबर बैंड से बांध दें. 100 × 30 सेमी नालीदार कार्डबोर्ड. अथवा 50×6-15 सेमी. डिब्बों में पैक करके बाजार में भेजना चाहिए.
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