भारत में मार्केटिंग सीजन 2024-25 में अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच होने वाली चावल खरीद में पिछले सीजन के मुकाबले 5 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है. सीजन 2023-24 में इसी अवधि के दौरान 43.84 मिलियन टन चावल की खरीद हुई थी, जबकि इस बार 45.84 मिलियन खरीद हुई है. अनुमान के मुताबिक इस साल खरीफ सीजन के चावल का उत्पादन 119.93 मीट्रिक टन रह सकता है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड होगा. वहीं, अब तक कुल अनुमानित उत्पादन में से 38 प्रतिशत चावल की खरीदी हो चुकी है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि सरकार इससे ज्यादा चावल की खरीद के लिए इच्छुक नहीं हो सकती है.
लैटेस्ट डेटा के मुताबिक, चुनावी राज्य बिहार में 15 फरवरी को चावल खरीद की प्रक्रिया खत्म हो चुकी है. इस सीजन में यहां 2.63 मीट्रिक टन चावल की खरीद हुई है. पिछले साल यहां 2.06 मीट्रिक टन चावल खरीदा गया था. वहीं, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी चावल की खरीदी फरवरी में समाप्त हो गई.
यूपी में 3.86 मीट्रिक टन खरीद हुई जो पिछले साल की खरीद 3.58 मीट्रिक टन से 8 प्रतिशत ज्यादा है. एमपी में 2.92 मीट्रिक टन चावल खरीद गया, जबकि पिछले साल 2.82 मीट्रिक टन चावल की खरीद हुई थी. वहीं, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र और ओडिशा में चावल की खरीद अभी जारी है, जो इसी महीने खत्म हो जाएगी.
तेलंगाना में इस सीजन चावल की खरीद में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. यहां पिछले सीजन में 3.17 मिलियन टन के मुकाबले इस बार 3.62 मिलियन टन चावल खरीदा गया है. वहीं, आंध्र प्रदेश में भी कुछ ऐसा ही मंजर हैं जहां पिछली सीजन में 1.33 मिलियन टन के मुकाबले 1.45 मिलियन टन चावल की खरीद हुई है.
वहीं, ओडिशा में खरीद अभी भी जारी है, जो 31 मार्च तक चलेगी. यहां 28 फरवरी तक 4.41 मिलियन टन चावल खरीदा जा चुका था, पिछले साल इस अवधि में 3.83 मिलियन टन खरीद हुई थी, जो 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.
एफसीआई ने पंजाब में 11.63 मिलियन टन चावल खरीदा है, इस बार यहां पिछले साल के मुकाबले 6 प्रतिशत कम खरीद हुई, जो 12.43 मिलियन टन थी. वहीं, हरियाणा में पिछले सीजन में 3.95 मिलियन टन खरीद हुई थी, जो इस बार 3.6 मिलियन टन रह गई. बता दें कि पंजाब में 12.4 मिलियन टन चावल खरीदे जाने का लक्ष्य था और हरियाणा में 4 मिलियन टन चावल खरीद का लक्ष्य था.
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