अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चावल के दाम में 5 फीसदी की गिरावट आई है. पिछले तीन हफ्ते के आंकड़े बताते हैं कि दुनिया में चावल की मांग में कमी और सप्लाई में वृद्धि की वजह से दाम गिरे हैं. इस बार चावल का उत्पादन भी बढ़ा है जिससे रेट में गिरावट देखी जा रही है. दिल्ली के एक ट्रेड एनालिस्ट ने कहा, इस साल चावल की अच्छी पैदावार होने से इसके दाम तेजी से नीचे आए हैं.
दिल्ली स्थित ट्रेड एनालिस्ट एस चंद्रशेखरन ने 'बिजनेसलाइन' से कहा कि चेन्नई में सोना मसूरी चावल का भाव जो दिसंबर में 62 रुपये किलो था, अब घटकर 42 रुपये हो गया है. यानी एक किलो पर 20 रुपये की गिरावट आई है. सोना मसूरी की अंतरराष्ट्रीय क्वालिटी वाला चावल अभी 52 से 54 रुपये किलो के रेट पर चल रहा है. भारत का कम दाम वाला चावल वियतनाम और सिंगापुर भेजा जाता है जबकि अधिक रेट वाला चावल यूरोप और अमेरिका को सप्लाई किया जाता है.
श्रीलंका को निर्यात किए जाने वाले चावल का ऑर्डर अब खत्म हो चुका है. वहां की सरकार ने घरेलू मार्केट में चावल के दाम की लिमिट तय कर दी है जिससे आयात में गिरावट देखी जा रही है. श्रीलंका में भारत के चावल की गिरती मांग से भी दाम में कमी आई है. इस तरह की डिमांड और भी कई देशों से कम हो रही है जिसका असर चावल के गिरते भाव के रूप में देखा जा रहा है. एक एक्सपर्ट के मुताबिक, अभी डॉलर का रेट अधिक चल रहा है जिससे करेंसी एक्सचेंज महंगा है. इस वजह से कई देश भारत का चावल कम मंगा रहे हैं.
दाम में गिरावट की और भी वजहें हैं. देश का कोई भी मिलर अपने स्टॉक में चावल की स्टॉक नहीं रखना चाह रहा है क्योंकि खरीफ सीजन में इसकी बंपर पैदावार हुई है. स्टॉक रखने का फायदा तभी होता है जब आगे दाम बढ़ने की संभावना होती है. लेकिन पैदावार अधिक होने से आगे दाम में गिरावट आने की पूरी संभावना है. इसे देखते हुए मिलर अपना स्टॉक निकाल रहे हैं जिससे भाव में कमी देखी जा रही है.
कृषि मंत्रालय ने एक अनुमान में बताया है कि मौजूदा खरीफ सीजन में चावल का उत्पादन 1190 लाख टन से अधिक रह सकता है जबकि पिछले सीजन में यह 1130 लाख टन के आसपास था. दूसरी ओर से अमेरिकी कृषि विभाग ने अपने अनुमान में कहा है कि भारत में इस सीजन 1370 लाख टन तक उत्पादन हो सकता है. इस बढ़े हुए उत्पादन को देखते हुए अभी से ही चावल के भाव में गिरावट शुरू हो गई है. आने वाले दिनों में और भी दाम घट सकते हैं.
भारत के अलावा मलेशिया और फिलीपींस में भी चावल के दाम में गिरावट देखी जा रही है. वियतमनाम में चावल के दाम घटने के चलते फिलीपींस के बाजार में चावल के रेट तेजी से गिरे हैं. उधर वियतनाम के चावल का स्टॉक मलेशिया के पोर्ट पर फंसा हुआ है जहां से फिलीपींस को अधिक सप्लाई मिलती है. ऐसे में एक्सपर्ट का कहना है कि अगर इस मौके का फायदा भारत और पाकिस्तान उठाएं तो फिलीपींस में चावल का अच्छा बाजार मिल सकता है. फिलीपींस में कम रेट पर अधिक चावल बेचा जा सकता है.
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