रबी सीजन की प्रमुख फसलों में शामिल गेहूं और सरसों की बुवाई तेज गति से चल रही है. आंकड़ों से पता चला है कि इस बार सरसों की बजाय किसान गेहूं की खेती की ओर शिफ्ट हो रहे हैं. इसकी वजह पिछले सीजन में माहू कीट के प्रकोप और बेमौसम बारिश से सरसों किसानों को भारी नुकसान हुआ था. इसके उलट केंद्र सरकार ने गेहूं के एमएसपी में 150 रुपये बढ़ा दिए हैं. इन वजहों के चलते किसान गेहूं की बंपर बुवाई कर रहे हैं. अन्य फसलों में चना, मसूर, मटर, ज्वार और मक्का फसलों पर किसान दिलचस्पी ले रहे हैं और बुवाई कर रहे हैं.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने रबी सीजन में फसलों की बुवाई का क्षेत्रफल आंकड़ा जारी कर दिया है. रबी सीजन में सभी फसलों का कुल बुवाई क्षेत्रफल 558 लाख हेक्टेयर से अधिक पहुंच गया है. जो बीते साल की समान अवधि की तुलना में 2 लाख हेक्टेयर अधिक है. 16 दिसंबर तक रबी फसलों की बुवाई 88 फीसदी पूरी हो गई है. ज्यादातर फसलों का रकबा स्थिर रहा है या फिर कम हो गया है.
रबी सीजन में सर्वाधिक बोई गई फसल में गेहूं पहले नंबर पर है और इस सीजन लगभग 293.11 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती की गई है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 284.17 लाख हेक्टेयर की तुलना में करीब 9 लाख हेक्टेयर अधिक है. इसी तरह दलहन फसलों का कुल बुवाई रकबा 123.27 लाख हेक्टेयर में दलहन की खेती की गई, जो बीते साल से थोड़ा कम है. श्रीअन्न यानी मोटे अनाज की खेती 38.75 लाख हेक्टेयर में की गई है, जो बीते साल से 2 लाख हेक्टेयर कम है. इसी तरह तिलहन की खेती 91.60 लाख हेक्टेयर में की गई है जो बीते साल की समान अवधि की तुलना में करीब 5 लाख हेक्टेयर कम है.
तिलहन फसलों में सर्वाधिक गिरावट सरसों के क्षेत्रफल में हुई है. 16 दिसंबर तक किसानों ने इस रबी सीजन में सरसों की कुल बुवाई 85.56 लाख हेक्टेयर में की है, जो बीते साल 90.40 लाख हेक्टेयर की तुलना में करीब 5 लाख हेक्टेयर कम है. एक्सपर्ट का मानना है कि बीते सीजन में माहू जैसे कीटों और फसल कटाई के वक्त बारिश के चलते सरसों किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था. इसकी वजह से इस बार सरसों किसान गेहूं की खेती की ओर शिफ्ट हो गए हैं, क्योंकि गेहूं का एमएसपी 150 रुपये बढ़ाकर 2425 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है.
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