आजकल के दौर में जब लोग डाइट को लेकर खासे परेशान रहते हैं, किनोवा उन्हें एक बेहतर विकल्प बनता जा रहा है. यूइनोआ यानी चेनोपोडियम किनोवा हर साल उगने वाला एक पौधा है. किनोवा यूं तो दक्षिण अमेरिका की एक खास फसल है लेकिन अब राजस्थान के किसान भी इसकी खेती करने लगे हैं. बताया जा रहा है कि वहां के किसान इस विदेशी फसल की मदद से हर साल लाखों रुपये कमा रहे हैं. हालत यह है कि इसकी खेती राजस्थान के दक्षिणी जिलों में काफी तेजी से बढ़ रही है और किनोवा के किसानों को अच्छे-खासे दाम भी मिल रहे हैं.
राजस्थान के किसानों से प्रेरित होकर कई और राज्यों के किसान भी किनोवा की खेती के लिए आकर्षित हुए हैं. हर साल की तरह इस साल भी कई किसानों ने इसकी बुवाई की और फसल की कटाई का काम जारी है. किनोवा की खेती कम खर्चीली है लेकिन इसका आर्थिक फायदा कहीं ज्यादा है. इस वजह से भी किसानों में इसको लेकर काफी ज्यादा उत्साह रहता है. किनोवा दरअसल गर्मी के मौसम की फसल है. सर्दी में इसकी बुवाई की जाती है. लेकिन ज्यादा पैदावार के लिए किनोवा की फसल को रात में सर्दी और दिन में ज्यादा तापमान की जरूरत होती है.
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इस फसल के लिए किसानों को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं होती है. लेकिन परंपरागत फसलों की तुलना में यह फसल ज्यादा आय का अच्छा स्त्रोत हो सकती है. किनोवा की फसल प्रति बीघा 4 से 5 क्विंटल तक हो जाती है और कई बार अच्छे मौसम के कारण इसकी संख्या बढ़ सकती है. किनवा का बाजार भाव भी बहुत ही शानदार होता है. हर क्विंटल इसकी कीमत एक लाख रुपये तक पहुंच जाती है.
विदेश में किनोवा को सुपर फूड भी कहा जाता है. इसमें प्रोटीन सबसे ज्यादा होता है लेकिन कैल्शियम और आयरन जैसे तत्व भी भरपूर मात्रा में होते हैं. किनोवा के पत्तों का प्रयोग सब्जी के तौर पर भी किया जाता है. डाइट पर ध्यान देने वाले लोग चावल की जगह किनोवा को उबालकर खाते हैं. कई जगह इसके दाने से आटा और दलिया भी बनाया जाता है. इस दलिया की मदद से सूप, पूरी, खीर, लड्डू और कई तरह के व्यंजन भी बनाए जाते हैं. कई खाद्य विशेषज्ञ किनोवा को कुपोषण की समस्या से निजात दिलाने का सबसे अच्छा उपाय तक बताते हैं.
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