पंजाब में इस साल आलू उत्पादक किसान काफी परेशान हैं. करीब 15 साल बाद फिर से आलू की फसल में लेट ब्लाइट बीमारी का प्रकोप देखने को मिल रहा है. इससे आलू की खेती प्रभावित हुई है. कहा जा रहा है कि लेट ब्लाइट बीमारी के चलते 10 प्रतिशत तक आलू की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. इससे उत्पादन में गिरावट की संभावना जताई जा रही है. वहीं, प्रदेश में आलू का होलसेल रेट भी नीचे गिर गया है. अभी मंडियों में आलू 4 से 5 रुपये किलो बिक रहा है. इससे किसानों को काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार किसानों ने प्रदेश में धान की कटाई करने के बाद गेहूं के बदले आलू बोने का फैसला किया था. लेकिन उन्हें भारी नुकसान हो रहा है. हालांकि, जालंधर स्थित केंद्रीय आलू अनुसंधान केंद्र ने बीते नवंबर में किसानों को लेट ब्लाइट बीमारी को लेकर अगाह किया था. इसके अलावा बागवानी विभाग ने भी इस रोग से किसानों को सावधान रहने की सालह दी थी. लेकिन सभी किसानों ने खेत में कीटनाशकों का छिड़काव नहीं किया.
विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में इस साल करीब 1,17,000 हेक्टेयर में किसानों ने आलू की की खेती की है. इसमें से 10,000 से 12,000 हेक्टेयर में लगी आलू की फसल को लेट ब्लाइट बीमारी की वजह से नुकसान पहुंचा है. सबसे ज्यादा नुकसान मोहाली में हुआ है, जहां 35 फीसदी फसल बर्बाद हो गई है. एसबीएस नगर, रोपड़, पटियाला, होशियारपुर, फतेगढ़ साहिब और खन्ना जिलों में भी किसानों की फसल काटने से पहले ही आलू खेतों में सड़ गया.
ये भी पढ़ें- Sulfur Coated Urea : सरकार ने सल्फर कोटेड यूरिया को बाजार में उतारने की मंजूरी दी, जानिए इसकी कीमत और फायदे
वहीं, पंजाब की बागवानी निदेशक शलिंदर कौर ने कहा कि पछेती झुलसा रोग जो कि एक कवक रोग है, जिसके चलते आलू की लगभग 8 से 10 फीसदी फसल खराब हो गई है. विभाग ने किसानों को पहले ही आगाह कर दिया था कि फफूंदनाशकों का छिड़काव करें. जबकि, पीड़ित आलू किसान जसविंदर सिंह संघा ने कहा कि लगभग 15 वर्षों के बाद, पंजाब में आलू की फसल पर लेट ब्लाइट रोग की मार पड़ी है. इससे फसल चौपट हो गई है. हालांकि, वास्तविक अनुमान बाद में आएगा.
अभी पंजाब की मंडियो में आलू लगभग 4 से 5 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, जबकि पिछले साल होलसेल रेट 10 से 12 रुपये किलो था. ऐसे में किसानों का कहना है कि उन्हें काफी नुकसान हो रहा है. उनकी माने तो पाकिस्तान में आलू लगभग 40 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है. इसलिए हमें इसे पड़ोसी देश में निर्यात करने की अनुमति दी जानी चाहिए. वर्तमान में हमें पाकिस्तान को फसल निर्यात करने की अनुमति नहीं है. किसानों और विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आलू की खेती में प्रति एकड़ लागत लगभग 40,000 से 50,000 रुपये आती है, जिसमें आलू के बीज की कीमत भी शामिल है.
ये भी पढ़ें- Sulfur Coated Urea : सरकार ने सल्फर कोटेड यूरिया को बाजार में उतारने की मंजूरी दी, जानिए इसकी कीमत और फायदे
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today