इस राज्य में 50 रुपये किलो हुआ आलू, इस वजह से इतनी अधिक बढ़ीं कीमतें, जानें सरकार का प्लान

इस राज्य में 50 रुपये किलो हुआ आलू, इस वजह से इतनी अधिक बढ़ीं कीमतें, जानें सरकार का प्लान

बेहाला बाजार के एक खुदरा विक्रेता सुजीत दास ने कहा कि आपूर्ति की कमी के कारण आलू की कीमतें आसमान छू रही हैं. खुदरा व्यापारी बुधवार की बैठक का इंतजार कर रहे थे, उन्हें उम्मीद थी कि कोई समाधान निकलेगा और आपूर्ति बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि खुदरा विक्रेता स्थिति का पूरा फायदा उठा रहे थे और जितना हो सके उतना ग्राहकों से वसूल रहे थे.

Advertisement
इस राज्य में 50 रुपये किलो हुआ आलू, इस वजह से इतनी अधिक बढ़ीं कीमतें, जानें सरकार का प्लानपश्चिम बंगाल में आलू हुआ महंगा. (सांकेतिक फोटो)

पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन की हड़ताल की वजह से आलू बहुत महंगा हो गया है. रिटेल मार्केट में आलू की कीमत 45 रुपये किलो के पार पहुंच गई है. इससे आम जनता के किचन का बजट बिगड़ गया है. हालांकि, प्रगतिशील आलू व्यापारी संघ के अध्यक्ष लालू मुखोपाध्याय का कहना है कि आम लोगों के हित में हमने हड़ताल को वापस ले लिया है. हम अभी भी सरकार के साथ खड़े हैं. हालांकि, सरकार को राज्य से आलू के निर्यात पर भी विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मंत्री ने हमें आश्वासन दिया है कि वह इस पर विचार करेंगे. 

ईटी रिटेल डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, बड़ी बात यह है कि जिस दिन राज्य के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद व्यापारियों की हड़ताल वापस ली गई, उसी दिन कुछ बाजारों में आलू की कीमतें चरम पर पहुंच गईं. इससे खुदरा मार्केट में आलू की कीमत 50 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई. हालांकि, कोल्ड स्टोरेज से आपूर्ति फिर से शुरू होने के साथ ही कीमतों में गिरावट शुरू होने की उम्मीद है. बुधवार को समझौता कराने वाले जूनियर कृषि विपणन मंत्री बेचाराम मन्ना ने कहा कि कोलकाता के खुदरा बाजारों में आलू की ताजा आपूर्ति से कीमतें 30 रुपये से नीचे आ जाएंगी. बुधवार को ज्योति और चंद्रमुखी किस्मों की कीमतें क्रमशः 45 रुपये और 50 रुपये तक पहुंच गईं, जबकि स्टॉक सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया.

ये भी पढ़ें-  Kisan Andolan: पहले भी हुआ है MSP गारंटी पर विपक्ष का जुटान, इस बार किसानों के साथ 'राजनीति' मत करना राहुल गांधी

थोक बाजार में नहीं है आलू

बेहाला बाजार के एक खुदरा विक्रेता सुजीत दास ने कहा कि आपूर्ति की कमी के कारण आलू की कीमतें आसमान छू रही हैं. खुदरा व्यापारी बुधवार की बैठक का इंतजार कर रहे थे, उन्हें उम्मीद थी कि कोई समाधान निकलेगा और आपूर्ति बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि खुदरा विक्रेता स्थिति का पूरा फायदा उठा रहे थे और जितना हो सके उतना ग्राहकों से वसूल रहे थे. भवानीपुर बाजार में पीएसयू के सेवानिवृत्त अधिकारी अविक घोष ने कहा कि कुछ दिन पहले आलू 32 रुपये किलो बिक रहा था. अब यह 45 रुपये पर पहुंच गया है. खुदरा विक्रेताओं ने दावा किया कि थोक बाजार में आलू नहीं है, जिससे यह स्थित उत्पन्न हुई है.

110 लाख टन आलू का उत्पादन

पश्चिम बंगाल प्रगतिशील आलू व्यापारी संघ ने राज्य की सीमाओं पर पुलिस उत्पीड़न का विरोध करते हुए सोमवार को हड़ताल शुरू की थी. नतीजतन, कोल्ड स्टोरेज से आलू की सप्लाई लगभग बंद हो गई, जिससे खुदरा बाजारों में कीमतें बढ़ गईं. पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के पतितपावन डे ने कहा कि हमने सरकार की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. हमारा राज्य 110 लाख टन आलू का उत्पादन करता है. इतनी मात्रा में आलू अकेले हमारे राज्य में नहीं खपाया जा सकता. इसलिए हमें अतिरिक्त स्टॉक दूसरे राज्यों में भेजना पड़ता है. हम सुनिश्चित करेंगे कि सभी को उचित मूल्य मिले.

ये भी पढ़ें- कपास की फसल को हुए नुकसान की भरपाई के ल‍िए मुआवजा जारी, क‍िसानों को म‍िलेंगे 65 करोड़ रुपये 

क्या कहते हैं मंत्री

बुधवार की बैठक के बाद मंत्री मन्ना ने कहा कि हमने अपनी तरफ से हर संभव मदद का वादा किया है. सरकार ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. इसलिए व्यापारी अपनी हड़ताल वापस ले रहे हैं. अब से कोल्ड स्टोरेज से आलू 26 रुपए प्रति किलो की दर से विभिन्न बाजारों में भेजा जाएगा. खुदरा विक्रेताओं को आलू 30 रुपए प्रति किलो से कम पर बेचना चाहिए.


 

POST A COMMENT