केंद्र सरकार ने घरेलू आपूर्ति बरकरार रखने के साथ ही चावल की कीमतों को कंट्रोल करने के लिए गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिंबध लगा रखा है. लेकिन, पतंजलि आयुर्वेद को 20 मीट्रिक टन चावल निर्यात की मंजूरी सरकार ने दी है. दरअसल, यह मंजूरी इसलिए दी गई है क्योंकि पतंजलि नेपाल के भूकंप प्रभावित पीड़ितों की मदद के लिए यह चावल भेज रहा है, न कि व्यापार के लिए.
सरकार ने पतंजलि आयुर्वेद को भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए नेपाल को 20 मीट्रिक टन गैर बासमती चावल दान के रूप में भेजने की अनुमति दे दी है. सरकार ने गैर बासमती सफेद चावल पर लगी निर्यात रोक से पतंजलि आयुर्वेद को छूट प्रदान दी है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को भूकंप पीड़ितों के लिए नेपाल को दान के रूप में 20 मीट्रिक टन गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात के लिए प्रतिबंध से एक बार छूट दी गई है.
नेपाल में 6 नवंबर की आधी रात से ठीक पहले 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 153 लोगों की मौत हो गई थी और 250 से अधिक लोग घायल हो गए थे.पश्चिमी नेपाल के जजरकोट और रुकुम पश्चिम जिलों में भूकंप से लगभग 8,000 संपत्तियों को नुकसान पहुंचा था. नेपाल के भूकंप प्रभावित लोगों को राहत के रूप में बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद की ओर से भेजे जा रहे चावल को मंजूरी दी गई है.
पहले टमाटर फिर प्याज की कीमतों में बेतहाशा तेजी से सबक लेते हुए सरकार ने घरेलू आपूर्ति बेहतर रखने और मांग को पूरा करने के इरादे से 20 जुलाई को गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि, कुछ देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए और अनुरोध पर केंद्र सरकार ने निर्यात की अनुमति देते हुए निर्यात लिमिट तय की है.
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अक्टूबर में जारी विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) के सर्कुलर के अनुसार केंद्र सरकार ने नेपाल, कैमरून और मलेशिया सहित सात देशों को 10,34,800 टन गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात की अनुमति दी है. नेपाल के लिए निर्यात मात्रा 95,000 टन तय की गई है. वहीं, कैमरून के लिए 1,90,000 टन, आइवरी कोस्ट के लिए 1,42,000 टन, गुयाना के लिए 1,42,000 टन, मलेशिया के लिए 1,70,000 टन, फिलीपींस के लिए 2,95,000 टन और सेशेल्स के लिए 800 टन चावल निर्यात मात्रा तय की गई है.
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