Parwal Varieties: परवल की इन टॉप 5 किस्मों से होगी बंपर पैदावार, जानिए खेती के बारे में सब कुछ

Parwal Varieties: परवल की इन टॉप 5 किस्मों से होगी बंपर पैदावार, जानिए खेती के बारे में सब कुछ

अक्टूबर का महीना परवल की खेती करने के लिए सबसे बेहतरीन माना जाता है.अगर आप भी इस महीने में परवल की खेती करना चाहते हैं तो परवल की 5 उन्नत किस्मों का चयन कर अच्छा उत्पादन और मुनाफा दोनों कमा सकते हैं.

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Parwal Varieties: परवल की इन टॉप 5 किस्मों से होगी बंपर पैदावार, जानिए खेती के बारे में सब कुछजानिए परवल की टॉप किस्मों के बारे में

देश में किसान अब धीरे-धीरे जागरूक हो रहे हैं. पारंपरिक फसलों के साथ-साथ वे कम समय में बढ़िया मुनाफा देने वाली फसलों की भी खेती करने लगे हैं. इस दौरान किसान अब सीजनल सब्जियों की खेती की तरफ तेजी से रुख कर रहे है. परवल भी कुछ इसी तरह की फसल है. किसान इसकी खेती कर अच्छी कमाई कर सकते हैं. परवल की अधिक पैदावार लेने के लिए किसानों को उसको सही समय पर खेती और अच्छी किस्मों का चयन करना बेहद जरूरी है, इसकी कुछ ऐसी किस्में हैं, जिसमें न कीट लगते हैं और न ही रोग होता है. इन किस्मों की खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

परवल की खेती कद्दू वर्गीय सब्जी की फसलो में आती है, इसकी खेती बहुवर्षीय की जाती है. इसमें विटामिन, कार्बोहाइडे्रट तथा प्रोटीन अधिक मात्रा में पायी जाती है.अत्यन्त ही सुपाच्य, पौष्टिक, स्वास्थ्यवर्धक एंव औषधीय गुणों से भरपूर एक लोकप्रिय सब्जी है. परवल शीतल, पित्तानाशक, हृदय एंव मूत्र सम्बन्धी रोगों में काफी लाभदायक है. निर्यात की दृष्टि से भी परवल एक महत्वपूर्ण सब्जी है. इसके चलते बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है. ऐसे में किसानों के लिए परवल की खेती फायदे का सौदा साबित हो सकती है.

डी.वी.आर.पी.जी 1

 इस प्रजाति के फल लम्बें, मुलायम एंव हल्के हरे रंग के होते हैं. फलों में बीज की मात्रा कम एंव गूदा ज्यादा होता है. औसत उपज 285 से 300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. यह प्रजाति मिठाई बनाने के लिए काफी उपयुक्त है.

स्वर्ण अलौकिक

इस किस्म के परवल का आकार अंडे की तरह होता है और छिलके का रंग हल्का हरा होता है. इसमें बीज कम होते हैं. इसलिए मिठाई बनाने के लिए इसका अधिक इस्तेमाल होता है. इससे प्रति हेक्टेयर 200 से 250 क्विंटल फसल प्राप्त की जा सकती है.

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काशी अलंकार

अधिक उपज देने वाली परवल की इस किस्म के फलों का रंग हल्का हरा होता है और इसके बीज भी नरम होते हैं. इससे प्रति हेक्टेयर 200 क्विंटल के करीब फसल प्राप्त हो जाती है.

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 इस प्रजाति के फलों में बीज नहीं बनता है, और लगाते समय नर पौधों की आवश्यकता नहीं होती है.फल मध्यम आकार के एंव किनारे की तरफ हल्का धारीदार होता है.उपज 100 से 120 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के आस-पास होती है.

स्वर्ण रेखा

 इस किस्म के परवल का रंग गहरा हरा होता है और उसपर सफेद धारियां होती हैं. इसके पौधे की हर गांठ पर फल लगते हैं। प्रति हेक्टेयर उत्पादन करीब 200 क्विंटल होता है.

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