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पूसा-1121 बासमती किस्म चोरी कर आंखें दिखा रहा PAK, भारत ने आड़े हाथों लिया, जीआई टैग पर लड़ाई गहराई

पूसा-1121 बासमती किस्म चोरी कर आंखें दिखा रहा PAK, भारत ने आड़े हाथों लिया, जीआई टैग पर लड़ाई गहराई

भारतीय बासमती चावल किस्म पूसा-1121 की चोरी कर नाम बदलकर पाकिस्तान अपने यहां उगा रहा है और बिक्री कर रहा है. भारत के बीज टेक्नोलॉजी चोरी के आरोपों को पाकिस्तान ने मानने से इनकार किया है. रिकॉर्ड बताते हैं कि नई दिल्ली को 2009 में इस्लामाबाद के चावल किस्म चोरी के कदम के बारे में पता था.

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नई दिल्ली को 2009 में इस्लामाबाद की चोरी पता चल गई थी. नई दिल्ली को 2009 में इस्लामाबाद की चोरी पता चल गई थी.

भारतीय बासमती चावल किस्म पूसा-1121 की चोरी कर नाम बदलकर पाकिस्तान अपने यहां उगा रहा है और बिक्री कर रहा है. भारत के बीज टेक्नोलॉजी चोरी के आरोपों पर पाकिस्तान ने इनकार किया है. हालांकि, यह मामला अब और गहराता जा रहा है क्योंकि रिकॉर्ड बताते हैं कि नई दिल्ली को 2009 में इस्लामाबाद के चावल किस्म चोरी के कदम के बारे में पता था. कुछ समय पहले पाकिस्तान ने जीआई टैग के लिए आवेदन किया तो भारत ने उसे आड़े हाथों लिया है. लेकिन, मामले में अब लड़ाई गहराती जा रही है. 

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के निदेशक एके सिंह ने मार्च 2024 में पूसा में विकसित पूसा बासमती-1121 (PB-1121) किस्म समेत कई उन्नत किस्मों को पाकिस्तान की बीज फर्मों द्वारा चोरी किए जाने का आरोप लगाते हुए कानूनी कार्रवाई की मांग की थी. पूसा बासमती-1121 (PB-1121) 2003 में विकसित कर जारी किया गया था. निदेशक के आरोपों के बाद से यह मामला गरमाया हुआ है. 

जीआई टैगिंग आवेदन पर भारत-पाकिस्तान आमने सामने 

अब राज्यसभा के रिकॉर्ड दिखाते हैं कि सरकार ने 2009 में ही स्वीकार कर लिया था कि पाकिस्तान पूसा-1121 किस्म को उगा रहा है, लेकिन बड़े पैमाने पर नहीं. बीती 25 फरवरी को जीआई टैग की मांग करते हुए पाकिस्तान ने यूरोपीय संघ में एक आवेदन दायर किया था, जिसमें पाकिस्तान ने इसे पीके1121 बताया था और कायनात नाम से बिक्री की जा रही है. जबकि, यह मूल रूप से भारतीय कृषि रिसर्च संस्थान पूसा की किस्म है. इस्लामाबाद के पूसा1121 बासमती के लिए जीआई टैग का दावा करने पर भारत ने गहरी आपत्ति जताई है. 

भारत ने 2009 में पकड़ ली थी पाकिस्तान की चोरी 

9 अगस्त 2009 को तत्कालीन कृषि उपभोक्ता मामले और खाद्य सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री केवी थॉमस ने जवाब देते हुए कहा था कि पूसा-1121 किस्म को पाकिस्तान में उगाया जा रहा है, लेकिन बड़े पैमाने पर नहीं. उस वक्स इसे पाकिस्तान में कायनात नाम से नई किस्म के रूप में रजिस्टर नहीं किया गया था. केवी थॉमस ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने पौधों की किस्मों के संरक्षण अधिनियम के तहत इस किस्म के संरक्षण के लिए पहले ही अपना आवेदन दायर कर दिया है.

चालाकी दिखाकर सयाना बन रहा पाकिस्तान 

मार्च में IARI के निदेशक एके सिंह के Pusa1121 की चोरी करके नाम बदलकर अवैध तरीके से बीज बिक्री और खेती करने के आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा कि पूसा1509 किस्म को पाकिस्तान में किसान बासमती के रूप में बेचा और उगाया जा रहा है. इस पर पिछले सप्ताह पाकिस्तान के दैनिक डॉन में प्रकाशित खबर में पाकिस्तान चावल अनुसंधान संस्थान के निदेशक मुहम्मद इजाज ने आरोकों को नकार दिया था. उन्होंने कहा कि भारत का यह पूरी तरह से बेतुका और महज प्रचार है. इजाज ने कहा कि दो पाकिस्तानी किस्मों पीके1121 और किसान बासमती का डीएनए भारतीय बीजों से बिल्कुल अलग था. 

भारत ने रजिस्टर तो कराया पर चुनौती बरकरार 

पाकिस्तान ने पीके1121 बासमती किस्म को 2013 में नोटीफाई किया गया था. जबकि, भारत में पूसा 1121 बासमती किस्म को किसानों के अधिकार संरक्षण अधिनियम 2001 के तहत 2003 में रजिस्टर कर दिया था. लेकिन, भारत पौधों की नई किस्मों के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ (यूपीओवी) का सदस्य नहीं था. सूत्रों ने कहा कि भारत राष्ट्रीय स्तर पर इस किस्म की रक्षा कर सकता है, लेकिन विदेश में कुछ नहीं कर पाएगा. ऐसे में बासमती किस्म को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच टकराव गहराता जा रहा है.

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