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यूपी के लाल आलू के ल‍िए 'तरसते' हैं पाक‍िस्तान-बांग्लादेश, ये है वजह

यूपी के लाल आलू के ल‍िए 'तरसते' हैं पाक‍िस्तान-बांग्लादेश, ये है वजह

आलू के उत्पादन में यूपी अव्व्ल है. यूपी में कई क‍िस्मों के आलू का उत्पादन होता है. ज‍िसमें लाल आलू भी है. इस लाल आलू की मांग पाक‍िस्तान, बांग्लादेश और नेपाल में बेहद ही है.

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आलू का प्रतीकात्मक फोटो. आलू का प्रतीकात्मक फोटो.

यूपी के फर्रुखाबाद और कन्नौज में होने वाले लाल आलू की अपनी एक अलग ही खासियत है. अपनी इसी खासियत के चलते यह पीले आलू से महंगा भी बिकता है. बेशक देखने में लाल आलू आड़ा-तिरछा सा बिना साइज का होता है, बावजूद इसके देश के साथ ही दूसरे देशों में भी पसंद किया जाता रहा है. हमारे दो पड़ोसी देश पाकिस्तान-बांग्लादेश तो इस आलू को खाने के लिए तरसते हैं. नेपाल में भी बड़ी मात्रा में लाल आलू खाया जाता है. पीला आलू कितना भी सस्ता हो जाए. लेकिन, लाल आलू के दाम ज्यादातर चढ़े हुए ही रहते हैं.

जानकारों का कहना है कि लाल आलू की किस्म खासतौर पर गंगा से सटे इलाकों में थोड़ी रेतीली जमीन पर होती है. यही वजह है कि फर्रुखाबाद और कन्नौज में बड़ी मात्रा में होने के साथ ही एटा, कासगंज में भी थोड़ा-थोड़ा होता है. 

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इसलिए पाक-बांग्लादेश को पसंद है लाल आलू

फर्रुखाबाद जिले में आने वाले मोहम्महदाबाद के आलू किसान सुरेन्द्र ने किसान तक को बताया कि काफी वक्त पहले तक पाकिस्तान को लाल आलू भेजा जाता था. फिर एकदम से पाक को आलू की सप्लाई बंद कर दी गई. कुछ समय पहले धीरे-धीरे बांग्लादेश को भी लाल आलू जाना बंद हो गया. असल में यह दोनों देश लाल आलू को इसलिए पसंद करते हैं कि एक तो यह पीले आलू की तरह से चिकना नहीं होता है. इसमे हल्के से दाने यानि यह रबेदार होता है. 

दूसरा यह कि दूसरे आलूओं के मुकाबले यह थोड़ी देर से गलता है. पाक और बांग्लादेश के लोग इस आलू को मीट के साथ बनाते हैं. इसका फायदा यह होता है कि पकाने के दौरान लाल आलू मीट के साथ ही गलता है. जबकि पीला आलू मीट के साथ बनाने पर पहले गल जाता है और मीट बाद में गलता है. डिमांड के चलते पाक-बांग्ला देश से हमेशा इस आलू के मुंह मांगे दाम मिले हैं. 

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नेपाल भी दीवाना है यूपी के लाल आलू का 

25 एकड़ खेत में पीले और लाल आलू की खेती करने वाले फर्रुखाबाद के किसान आशुतोष शर्मा ने बताया कि बेशक पाक और बांग्लादेश को लाल आलू की सप्लाई बंद हो गई है, लेकिन नेपाल भी इस आलू का दीवाना है. आज भी बड़ी मात्रा में लाल आलू नेपाल को जाता है. गोरखपुर और बिहार के आलू कारोबारी हमारे यहां से आलू खरीदकर नेपाल को बेचते हैं. साथ ही वह जोड़ते हैं क‍ि अब पता नहीं इस खबर में कितनी सच्चाई है, लेकिन सुना है कि नेपाल के रास्ते पाक और बांग्लादेश को भी थोड़ी बहुत लाल आलू की सप्लाई की जा रही है.  

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