पंजाब सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्रणाली की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. हाल ही में फरीदकोट जिले के हरि नौण गांव में धान की तस्करी की कोशिश को नाकाम किया गया. फूड एंड सप्लाई विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए चार ट्रॉलियों में लाया जा रहा अवैध धान जब्त कर लिया. इनमें से एक ट्रॉली राजस्थान से लाई गई थी, जो सस्ते रेट पर खरीदे गए धान को पंजाब में MSP पर बेचने के इरादे से लाई गई थी.
कोटकपूरा की फूड सप्लाई और मार्केट कमेटी की टीम ने यह छापेमारी की. टीम जब हरि नौण गांव पहुंची, तो एक ट्रॉली से धान अनलोड किया जा रहा था, जबकि बाकी तीन ट्रॉलियां अपनी बारी का इंतजार कर रही थीं. ये ट्रॉलियां स्थानीय राइस मिलों में धान उतारने आई थीं. इस बात से साफ होता है कि यह एक सुनियोजित तस्करी की कोशिश थी.
फरीदकोट की डिप्टी कमिश्नर पूनमदीप कौर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पूरी जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने पुलिस को तत्काल FIR दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही दोनों राइस मिलों के लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. प्रशासन इस मामले में किसी भी तरह की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है.
हर साल धान की कटाई के मौसम में इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं, जहां अन्य राज्यों से सस्ता धान खरीदकर पंजाब में MSP पर बेचा जाता है. इससे स्थानीय किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान होता है. MSP का फायदा असली किसानों को मिलना चाहिए, न कि तस्करों और बिचौलियों को. सरकार ने ऐसे मामलों पर रोक लगाने के लिए निगरानी बढ़ा दी है.
फरीदकोट में हुई यह कार्रवाई पंजाब सरकार की उस नीति को दर्शाती है, जो राज्य के किसानों के हक की रक्षा करने के लिए बनाई गई है. अगर इस तरह की तस्करी समय रहते न रोकी जाए, तो इससे न केवल आर्थिक नुकसान होता है बल्कि MSP प्रणाली की साख भी कमजोर होती है. प्रशासन की इस तत्परता से उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सकेगी.
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