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तमिलनाडु में कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे धान क्रय केंद्र, किसानों को फसल बेचने में हो रही परेशानी

तमिलनाडु में कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे धान क्रय केंद्र, किसानों को फसल बेचने में हो रही परेशानी

इस बार सिंचाई के अभाव के चलते सांबा धान की रोपाई में देरी हुई. किसानों ने नवंबर के अंत में आकर सांबा धान की रोपाई शुरू की. इसके चलते कटाई में भी देरी हुई. यही वजह है कि आवक में तेजी आने के बाद भी डीपीसी पर आने वाले धान की मात्रा पिछले वर्षों की तुलना में कम है.

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धान खरीद में देरी होने से किसान परेशान. (सांकेतिक फोटो) धान खरीद में देरी होने से किसान परेशान. (सांकेतिक फोटो)

तमिलनाडु के मदुरै जिले में धीरे धीर प्रत्यक्ष खरीद केंद्रों (डीपीसी) पर धान की आवक में बढ़ोतरी हो रही है. हालांकि, कुछ क्षेत्रों में किसानों ने आरोप लगाया है कि कर्मचारियों की कमी के कारण डीपीसी खुलने में देरी हो रही है. खास बात यह है कि पिछले वर्षों की तुलना में इस बार मदुरै जिले में सांबा धान के रकबे में कमी आई है. इस बार जिले में केवल 30,000 हेक्टेयर में सांबा धान की खेती की गई है. वहीं, मार्च महीने फसल की कटाई शुरू होते ही नागरिक आपूर्ति निगम ने सांबा धान की खरीद के लिए जिले भर में डीपीसी खोल दी.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार सिंचाई के अभाव के चलते सांबा धान की रोपाई में देरी हुई. किसानों ने नवंबर के अंत में आकर सांबा धान की रोपाई शुरू की. इसके चलते कटाई में भी देरी हुई. यही वजह है कि आवक में तेजी आने के बाद भी डीपीसी पर आने वाले धान की मात्रा पिछले वर्षों की तुलना में कम है. किसानों द्वारा डीपीसी खोलने में देरी का आरोप लगाने के बाद अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.

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300 एकड़ में धान की खेती

मदुरै के एक किसान नंदन ने कहा कि हमारे गांव में 300 एकड़ से अधिक धान की खेती होने के बावजूद, प्रस्तावित डीपीसी बहुत देर से खोली गई. इससे किसानों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा. कुछ डीपीसी में दूसरे राज्यों के श्रमिकों को नियुक्त किया गया है, जो यह समझने में असमर्थ हैं कि किसान उन्हें क्या बताते हैं. किसान नंदन ने कहा कि स्थानीय श्रमिकों को तैनात किया जाता तो किसानों के लिए अधिक सुविधाजनक साबित होगा.

40 से अधिक डीपीसी खोले गए

किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर प्रतिक्रिया देते हुए, टीएनसीएससी के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि विभाग ने सांबा धान की खरीद के लिए 40 से अधिक डीपीसी खोले हैं. मदुरै में अब तक 11,000 मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है. खेती के क्षेत्रों में गिरावट को ध्यान में रखते हुए, खरीद की जा रही है. इस वर्ष 50,000 मीट्रिक टन तक पहुंचने की संभावना है. चूंकि डीपीसी में तैनात करने के लिए कर्मचारियों की कमी थी, इसलिए थोड़ी देरी हुई.

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हालांकि, इस मुद्दे को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाए जाने के बाद, अन्य जिलों से अतिरिक्त कर्मचारियों को तैनात किया गया है. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए जा रहे हैं कि धान की खरीद किसानों को प्रभावित किए बिना ठीक से हो सके.