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Paddy Variety: इस खरीफ सीजन धान की इन उन्नत क‍िस्मों का करें प्रयोग, यहां रही पूरी जानकारी

Paddy Variety: इस खरीफ सीजन धान की इन उन्नत क‍िस्मों का करें प्रयोग, यहां रही पूरी जानकारी

आजादी के बाद देश में धान का उत्पादन 34.5 मिलियन टन था, जो 2021 में बढ़कर 11.96 करोड टन हो गया. धान का सबसे अधिक उत्पादन बढ़ाने में उन्नत किस्मों का योगदान है. आइए जानते हैं धान की उन्नत क‍िस्मों के बारे में...

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धान की उन्नत किस्में धान की उन्नत किस्में

धान और गेहूं... ये दो ऐसी प्रमुख फसलें हैं, जो देश की बड़ी जनसंख्या का पेट भरने सबसे ज्यादा काम आ रही है. अब जब खरीफ सीजन शुरू होने जा रहा है, तो इसमें धान की बात करना लाज‍िमी हो जाता है. असल में आजादी के बाद देश में धान का उत्पादन 34.5 मिलियन टन था, जो 2021 में बढ़कर 11.96 करोड टन हो गया. धान का सबसे अधिक उत्पादन बढ़ाने में उन्नत किस्मों का योगदान है. वैज्ञानिक विधि के द्वारा किसानों के द्वारा हो रही खेती से धान की पैदावार बढ़ी है. धान की वैसे तो कई उन्नत किस्में (Paddy variety) मौजूद हैं. देश के हर राज्य की जलवायु, भूमि और मौसम के अनुकूल अलग-अलग धान की किस्में विकसित की गई है. खरीफ सीजन के लिए किसान अब धान की नर्सरी लगा रहे हैं. ऐसे में किसान उन्नत किस्मों की मदद से धान का उत्पादन बढ़ा सकते हैं. आइए जानते हैं क‍ि धान की प्रमुख क‍िस्में कौन सी हैं.

पूसा 1460 -

पूसा 1460 धान की एक उन्नत किस्म है. धान की किस्म पूसा 1460 का पौधा आकार में छोटा होता है. धान की इस किस्म का दाना छोटा और पतला होता है. यह किस्म रोपाई के 120 दिन से 125 दिन में तैयार हो जाती हैं. धान की इस किस्म की पैदावार क्षमता लगभग 50 से 55 क्विंटल प्रति हैक्टेयर तक है. किसान ज्यादा पैदावार के लिए धान की इस किस्म का प्रयोग कर सकते हैं. 

एनडीआर 359 

धान की यह किस्म रोपाई से 130 से 135 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. धान की यह किस्म शीघ्र पकने वाली है. इस किस्म को मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा और असम राज्यों में प्रयोग किया जाता है. धान की किस्म का उत्पादन प्रति हैक्टेयर 50 क्विंटल तक है.

पीआर 122 

 धान की इस किस्म को मुख्य रूप से पंजाब की मिट्टी व जलवायु के अनुरूप विकसित किया है. यह किस्म पकने में अधिकतम समय लेती है. धान की यह किस्म लगभग 140 से 147 दिनों में पककर कटाई के लिए तैयार हो जाती है. पीआर 122 किस्म की औसतन पैदावार क्षमता 30 से 35 क्विंटल प्रति एकड़ है. 

आईआर 36

धान की यह किस्म आईआर 36 सूखा-1 सूखा को बर्दाश्त करने वाली एक उन्नत किस्म है. अनुसंधान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक द्वारा इस किस्म को कम वर्षा वाले क्षेत्रों के लिए विकसित किया गया है. धान की इस किस्म से किसानों को कम समय और कम पानी में अच्छी पैदावार प्राप्त हो जाती है. आईआर 36 नामक धान की यह किस्म 110 से 115 दिन में पककर कटाई के लिए तैयार होने वाली सूखा किस्म है. जलवायु और मिट्टी के अनुकूल यह किस्म किसानों को 45 से 50 क्विंटल प्रति हैक्टेयर तक की पैदावार दे सकती है. 

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आईआर 64

धान की यह किस्म का दाना लंबा लेकिन पौधा छोटा होता है. यह किस्म रोपाई के 120 से 125 दिनों में यह पककर तैयार हो जाती है. उत्पादन प्रति हेक्टेयर 50 से 55 क्विंटल होता है.

डीआरआर 310

धान की यह किस्म मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उड़ीसा के लिए अनुमोदित है. 125 दिनों में पकने वाली यह किस्म धान की काफी लोकप्रिय किस्म है. इसमें चमक काफी अच्छी और प्रोटीन की 10.3 मात्रा होती है. पैदावार की बात की जाए तो प्रति हेक्टेयर 45 क्विंटल होती है.