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Coffee Farmers: 5 गुना अधिक कीमत का लाभ उठाएं रोबस्टा कॉफी किसान, वैश्विक उत्पादन में गिरावट ने कीमतें बढ़ाईं 

Coffee Farmers: 5 गुना अधिक कीमत का लाभ उठाएं रोबस्टा कॉफी किसान, वैश्विक उत्पादन में गिरावट ने कीमतें बढ़ाईं 

रोबस्टा कॉफी का वैश्विक स्तर पर उत्पादन गिरने से भारतीय रोबस्टा उत्पादकों को बड़ा फायदा होने जा रहा है. क्योंकि, रोबस्टा कॉफी की कीमत में जोरदार तरीके से 5 गुना तक का इजाफा हुआ है. जो ऐतिहासिक बढ़ोत्तरी बताई जा रही है. आमतौर पर रोबस्टा कॉफी उत्पादक अनियमित बारिश और जंगली पशुओं से फसल के नुकसान झेलते थे, लेकिन इस बार  अधिक कीमतों के चलते उत्पादकों में खुशी है.

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रोबस्टा प्रमुख रूप से अफ्रीकी देशों में उगाई जाती है. रोबस्टा प्रमुख रूप से अफ्रीकी देशों में उगाई जाती है.

रोबस्टा कॉफी का वैश्विक स्तर पर उत्पादन गिरने से भारतीय रोबस्टा उत्पादकों को बड़ा फायदा होने जा रहा है. क्योंकि, रोबस्टा कॉफी की कीमत में जोरदार तरीके से 5 गुना तक का इजाफा हुआ है. जो ऐतिहासिक बढ़ोत्तरी बताई जा रही है. आमतौर पर रोबस्टा कॉफी उत्पादक अनियमित बारिश और जंगली पशुओं से फसल के नुकसान झेलते थे, लेकिन इस बार  अधिक कीमतों के चलते उत्पादकों में खुशी है.

भारत के कॉफी उद्योग में तेज गिरावट देखी जा रही है क्योंकि रोबस्टा कॉफी बीन की कीमतें शुक्रवार तक 10,080 रुपये प्रति 50 किलोग्राम बैग तक पहुंच गईं. 1860 के दशक में अंग्रेजों द्वारा पश्चिमी घाट क्षेत्र में कॉफी एस्टेट की स्थापना के बाद से यह वृद्धि एक ऐतिहासिक ऊंचाई मानी जा रही है. रोबस्टा कॉफी में कैफीन की मात्रा अधिक होती है और इसका स्वाद कड़वा रहता है. वहीं, अरेबिका कॉफी की स्थिर कीमत है और यह रोबस्टा से कम कड़वी और कैफीन वाली होती है. रोबस्टा प्रमुख रूप से अफ्रीकी देशों में उगाई जाती है. 

7 हजार रुपये कीमत बढ़ी 

रिपोर्ट के अनुसार रोबस्टा की कीमतें लगभग 15 वर्षों से आमतौर पर 2,500 रुपये से 3,500 रुपये प्रति 50 किलोग्राम बैग के बीच रही हैं. लेकिन, अब वैश्विक उत्पादन में गिरावट के चलते रोबस्टा की कीमत 10,080 रुपये प्रति 50 किलोग्राम बैग तक पहुंच गई है. रोबस्टा कॉफी की कीमतों में बढ़ोतरी ने कॉफी उत्पादकों को बड़ी राहत दी है. खासतौर पर छोटी जोत वाले उन उत्पादकों के लिए जो अरेबिका की तुलना में इसकी कम इनपुट लागत के कारण मुख्य रूप से रोबस्टा की खेती करते हैं. इन उत्पादकों को पिछले दशक में अनियमित वर्षा, जंगली जानवरों द्वारा फसल की क्षति और बढ़ती लागत और श्रम लागत जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है.

वियतनाम, इंडोनेशिया ने रोबस्टा उपज घटाई 

भारतीय कॉफी बोर्ड के सूत्रों का कहना है कि कीमतों में बढ़ोतरी का कारण वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे प्रमुख रोबस्टा कॉफी उत्पादकों का ड्रैगन फ्रूट और एवोकाडो जैसी अधिक लाभदायक फसलों की ओर रुख करना है. इसके अलावा सौंदर्य प्रसाधन उद्योग में कॉफी की मांग बढ़ रही है. भारत में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु सामूहिक रूप से कॉफी उत्पादन में 83 फीसदी का योगदान करते हैं. अकेले कर्नाटक का कुल उत्पादन में 70 फीसदी योगदान है. 

चुनौतियां से जूझते आए हैं रोबस्टा उत्पादक 

कॉफी किसानों को मजदूरी लागत में बढ़ोत्तरी के साथ ही फसल सुरक्षा के लिए कुशल मजदूरों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा था. बागान मालिकों ने बंगाल और असम के प्रवासी मजदूरों पर भरोसा करना शुरू कर दिया है, जो चाय बागानों में काम करने का अनुभव लेकर आते हैं. इसके अलावा वन्यजीवों का अतिक्रमण कॉफी बागानों के लिए एक बड़ा खतरा है, जिसमें हाथी, बंदर और बड़ी गिलहरियां भोजन और पानी की तलाश में फसलों को नुकसान पहुंचाती हैं. इन चुनौतियों के बीच रोबस्टा कीमतों में बढ़त भारतीय कॉफी उत्पादकों के लिए राहत भरी है. 

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