जैतून एक अंडे जैसे आकार का फल होता है. भारत में जैतून की खेती व्यापारिक फसल के तौर पर की जाती है. इसकी खेती से किसानों को बेहद कम समय में अच्छी आमदनी होने लगती है. इसकी प्रोसेसिंग करके तेल और दूसरे प्रॉडक्ट्स बनाये जाते हैं, जिसके चलते दुनिया भर में इसकी काफी मांग रहती है. इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल तेल बनाने में किया जाता है. बता दें कि जैतून के तेल का इस्तेमाल खाना बनाने में, ब्यूटी प्रॉडक्ट्स और दवाइयां बनाने में किया जाता है. वहीं इसके तेल में कोलेस्ट्रॉल की काफी कम मात्रा होती है, जिस कारण पूरी दुनिया जैतून के तेल की दीवानी है. साथ ही जैतून फल का इस्तेमाल स्वादिष्ट व्यंजन बनाने में भी किया जाता है.
वहीं जैतून का तेल कैंसर और पेट संबंधी बीमारियों में लाभदायक होता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और फिनोल काफी मात्रा में पाए जाते हैं. वहीं इसकी कई किस्में होती हैं जो बेहतर पैदावार देती हैं. ये ऐसी किस्में हैं जिनकी बाजार में बेहद मांग है. मांग अधिक होने से किसानों की आमदनी बढ़ने की भी संभावना रहती है.
राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन जैतून के बीज बेच रहा है. इसमें सबसे अधिक मांग कोराटीना वैरायटी की है जिसे ओएनजीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीदा जा सकता है. यहां किसानों को कई किस्मों के बीज आसानी से मिल जाएंगे. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं. ऑनलाइन आवेदन करने के लिए किसान वेबसाइट के इस लिंक पर जाकर ऑर्डर कर सकते हैं.
Best quality Olive Saplings of different Varieties (Koroneiki, Barnea, Coratina & Arbequina) from NSC is available online @ONDC_Official
— National Seeds Corp. (@NSCLIMITED) June 22, 2023
To order online click on https://t.co/dpEkri41tf now. #NationalSeedsCorpLtd #FarmSona @nstomar @AgriGoI @KailashBaytu pic.twitter.com/GTZXdxUasH
कोराटीना- जैतून की कोराटीना किस्म के प्रत्येक पौधे से किसान 10-15 किलोग्राम की पैदावार ले सकते हैं . इसमें तेल की मात्रा 22-24 प्रतिशत होती है. इस किस्म का फल देखने में बैंगनी और मध्यम आकार का होता है. यह किस्म अनियमित पैदावार देने के लिए जानी जाती है.
कोरोनिकी- जैतून की इस किस्म से काफी अच्छी पैदावार ली जा सकती है. इसके एक पौधे से करीब 20 से 25 किलो जैतून प्राप्त होता है. इसका फल मध्यम आकार और पकने के बाद बैंगनी रंग का होता है.
बरनिया- जैतून की इस किस्म में तेल की 26 फीसदी मात्रा होती है. वहीं इसके हर पौधे से 15-20 किलो की उपज होती है. देर से पकने वाली इस किस्म का फल आकार में मध्यम और गोलाकार होता है. पकने के बाद उसका फल बैंगनी रंग का हो जाता है.
अर्बेक्विना- इस किस्म का फल अधिक वजनदार और बड़े आकार का होता है. जो पकने के बाद बैंगनी रंग का दिखाई देता है. वहीं इस किस्म के प्रति पौधे से 7 से 10 किलो की पैदावार होती है. इसके फल में 10 से 17 प्रतिशत तेल की मात्रा पाई जाती है.
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