scorecardresearch
इस तरह से सुखाएं प्याज तो कभी खराब नहीं होगा, कटाई के बाद इन बातों का ध्यान रखना जरूरी

इस तरह से सुखाएं प्याज तो कभी खराब नहीं होगा, कटाई के बाद इन बातों का ध्यान रखना जरूरी

कटाई का वक्त और सुखाने का तौर तरीका बेहद महत्वपूर्ण है. देश में प्याज की खरीफ फसल की औसत उत्पादकता 8 टन प्रति हेक्टेयर है जबकि रबी में यह 12 टन है. खरीफ सीजन के प्याज स्टोर नहीं किया जाता.भंडारण के दौरान प्याज खराब न हो इसके लिए सुखाने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. वैज्ञानिकों ने इसका तरीका बताया है कि कैसे सुखाने पर प्याज जल्दी खराब नहीं होगा.

advertisement
इस तरह से सुखाएं प्याज इस तरह से सुखाएं प्याज

विश्व में प्याज का सबसे ज्यादा उत्पादन भारत में होता है. इसके बावजूद प्रति हेक्टेयर उत्पादकता की दृष्टि से इसका स्थान बहुत नीचे आता है. इस स्थिति के लिए उगाई गई किस्में, पोषक तत्वों का प्रबंधन, कीट एवं रोग, पकने का समय एवं भंडारण आदि कई कारण होते हैं. इसमें कटाई का वक्त और सुखाने का तौर तरीका बेहद महत्वपूर्ण है. देश में प्याज की खरीफ फसल की औसत उत्पादकता 8 टन प्रति हेक्टेयर है जबकि रबी में यह 12 टन है. खरीफ सीजन के प्याज स्टोर नहीं किया जाता, जबकि रबी सीजन का प्याज स्टोर होता है. 

काफी प्याज भंडारण में खराब हो जाता है. प्याज सड़ने लगता है. भंडारण के दौरान प्याज खराब न हो इसके लिए सुखाने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. वैज्ञानिकों ने इसका तरीका बताया है कि कैसे सुखाने पर प्याज जल्दी खराब नहीं होगा. अगर किसान कृषि वैज्ञानिकों की सलाह पर ध्यान देंगे तो फायदे में रहेंगे, क्योंकि प्याज खराब नहीं होगा. 

ये भी पढ़ें: नास‍िक की क‍िसान ललिता अपने बच्चों को इस वजह से खेती-क‍िसानी से रखना चाहती हैं दूर

फसल तैयार होने का समय

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार नर्सरी से ट्रांसप्लांट करके लगाई गई फसल रोपाई के लगभग 120-130 दिनों में जबकि बीज से सीधे बोई गई फसल 150-170 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इसी तरह गांठों से लगाई गई प्याज की फसल 90-100 दिनों में तैयार हो जाती है. इस बात का विशेष ध्यान रखें. किस्म व मौसम के अनुसार कंदों के पकने पर नई पत्तियां आनी रुक जाती हैं. इसके बाद कंद पकने लगते हैं. पत्तियां पीली होने लगती हैं तथा पौधों के गर्दन के पास से कमजोर होकर गिरने लगती हैं. 

सुखाने के लिए क्या करें

प्याज को उखाड़ने के बाद पत्तियों समेत 3-4 दिनों तक खेत में कंदों को पत्तियों से ढकते हुए सुखाना चाहिए. इससे प्याज पर सीधी धूप नहीं पड़ती और कंदों की गुणवत्ता खराब नहीं होती है.

तीन-चार दिनों तक सूखने के बाद पत्तियों को प्याज से 4-5 सेंमी लंबी गर्दन (डंडी) छोड़कर काटना चाहिए. इससे धीरे-धीरे यह गर्दन सूखकर कंदों का मुंह बंद कर देती हैं और उनकी भंडारण क्षमता में वृद्धि होती है.

अधिक नजदीक से पत्तियों को काटने से प्याज के ऊपरी भाग खुले रहते हैं. इससे रोगकारक (जैसे-फफूंद व जीवाणु आदि) प्याज में आसानी से प्रवेश कर जाते हैं. इस कारण भंडारगृह में प्याज जल्दी सड़ने लगते हैं. इस प्रकार के प्याज में प्रस्फुटन की समस्या भी अधिक आती है.

ये भी पढ़ें:  Onion Export Ban: जारी रहेगा प्याज एक्सपोर्ट बैन, लोकसभा चुनाव के बीच केंद्र सरकार ने किसानों को दिया बड़ा झटका