किचन में रोजाना इस्तेमाल होने वाली सब्जियों आलू, प्याज और टमाटर के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. कृषि मंत्रालय की रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल के मुकाबले इस बार किसानों को प्याज का बहुत अच्छा दाम मिल रहा है. एक साल में ही इसके थोक दाम में 111.97 फीसदी का इजाफा हो चुका है. रिपोर्ट के अनुसार 6 जुलाई 2024 को प्याज का थोक मंडी भाव 2637.72 रुपये प्रति क्विंटल रहा, जबकि एक साल पहले 2023 में इसी तारीख को किसानों को मंडियों में सिर्फ 1244.33 रुपये के भाव पर ही प्याज बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा था. इस साल प्याज के उत्पादन में कमी की वजह से मंडियों में आवक कम हो गई है, जिससे दाम लगातार बढ़ रहे हैं. सरकारी आंकड़ों में एक बात और निकलकर सामने आई है कि किसान जिस दाम पर बिक्री रहे हैं उपभोक्ताओं को उससे तीन गुना से अधिक कीमत पर प्याज उपलब्ध हो रहा है.
मंत्रालय के अनुसार 6 जून से 6 जुलाई 2024 के बीच पूरे देश में 12,39,280 टन प्याज की आवक हुई है, जबकि 6 जून से 6 जुलाई 2023 के बीच आवक 17,71,505 टन थी. यानी पिछले साल की आवक के मुकाबले इस बार मंडियों में 30 फीसदी कम प्याज बिकने के लिए आया है. इतनी कम आवक दाम बढ़ाने के लिए काफी है. तेलंगाना में प्याज की आवक पिछले साल के मुकाबले इस बार 76 फीसदी कम हो गई है. इस वर्ष राज्य में पिछले एक महीने में सिर्फ 25401 टन प्याज बिकने आया है, जबकि पिछले साल की इसी अवधि के दौरान 1,07,303 टन प्याज की आवक हुई थी.
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केंद्र सरकार ने इस साल मार्च में बताया था कि 2023-24 में प्याज का उत्पादन (पहला अग्रिम अनुमान) पिछले वर्ष के लगभग 302.08 लाख टन के उत्पादन की तुलना में महज 254.73 लाख टन ही होने की संभावना है. क्योंकि प्रमुख प्याज उत्पादक सूबों में उत्पादन घट गया है. इसमें महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 34.31 लाख टन, कर्नाटक में 9.95 लाख टन, आंध्र प्रदेश में 3.54 लाख टन और राजस्थान में 3.12 लाख टन उत्पादन कम होने का अनुमान है.
इसका साफ असर आवक पर दिखाई दे रहा है. महाराष्ट्र में पिछले साल के मुकाबले प्याज की आवक में 37 फीसदी की कमी आई है. मंत्रालय के अनुसार 6 जून से 6 जुलाई 2024 के बीच राज्य की मंडियों में 5,97,685 टन प्याज की आवक हुई है, जबकि पिछले साल 9,42,444 टन की आवक हुई है.
देश के दूसरे सबसे बड़े प्याज उत्पादक सूबे में पिछले साल के मुकाबले इस साल 11 फीसदी कम आवक हुई है. इस साल पिछले एक महीने में 2,07,635 मीट्रिक टन प्याज की आवक हुई है, जबकि पिछले वर्ष 2,33,385 टन की आवक थी. उत्तर प्रदेश में प्याज की आवक में 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. इस वर्ष पिछले एक महीने में 1,44,126 टन प्याज की आवक हुई है, जबकि पिछले वर्ष यानी 2023 की इसी अवधि के दौरान 1,81,077 टन प्याज बिकने आया था.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार 6 जुलाई 2024 को प्याज का थोक दाम 2637.72 रुपये प्रति क्विंटल था. यानी 26.37 रुपये किलो. जबकि उपभोक्ता मामले मंत्रालय के अधीन आने वाले प्राइस मॉनिटरिंग डिवीजन के अनुसार 6 जुलाई को ही प्याज का अधिकतम रिटेल प्राइस 80 रुपये प्रति किलो रहा. यानी किसान जिस दाम पर प्याज बेच रहा है उसके तीन गुना से अधिक कीमत पर उपभोक्ता को मिल रहा है.
चार-पांच महीने की मेहनत के बाद जो पैसा किसान कमा रहे हैं उससे कहीं डबल रकम कुछ दिनों की मेहनत पर व्यापारी कमा रहे हैं. थोक भाव और खुदरा मूल्य दोनों आंकड़े सरकार के हैं, जो इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि प्याज की महंगाई किसान नहीं बल्कि व्यापारी बढ़ा रहे हैं.
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