scorecardresearch
Onion Price: लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में गिरा प्याज का दाम, जानिए प्रमुख मंडियों के भाव

Onion Price: लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में गिरा प्याज का दाम, जानिए प्रमुख मंडियों के भाव

 किसानों का कहना है कि सरकार ने अगर निर्यातबन्दी को नहीं हटाया तो चुनाव में बड़ा नुकसान हो सकता है. केंद्र सरकार ने महंगाई को कम करने के लिए 7 दिसंबर 2023 से प्याज के निर्यात पर रोक लगाई हुई है. पहले जो आदेश आया था उसके अनुसार निर्यातबन्दी 31 मार्च 2024 तक लागू थी, लेकिन सरकार ने उससे पहले ही इसे अनिश्चित काल के लिए बढ़ा दिया.अधिकांश बड़े प्याज उत्पादक जिलों की मंडियों में किसानों को 1,2,3 और 5 रुपये किलो का ही रेट मिल रहा है.

advertisement
 प्याज़ का मंडी भाव प्याज़ का मंडी भाव

लोकसभा चुनाव के बीच महाराष्ट्र की मुख्य फसल प्याज के दाम जमीन पर आ गए हैं. अधिकांश बड़े प्याज उत्पादक जिलों की मंडियों में किसानों को 1,2,3 और 5 रुपये किलो का ही रेट मिल रहा है. जिससे उनमें सरकार के खिलाफ गुस्सा है. इस सीजन में किसानों को इतना कम दाम मिलने का कारण निर्यातबन्दी को बताया जा रहा है. किसानों का कहना है कि सरकार ने अगर निर्यातबन्दी को नहीं हटाया तो चुनाव में बड़ा नुकसान हो सकता है. केंद्र सरकार ने महंगाई को कम करने के लिए 7 दिसंबर 2023 से प्याज के निर्यात पर रोक लगाई हुई है. पहले जो आदेश आया था उसके अनुसार निर्यातबन्दी 31 मार्च 2024 तक लागू थी, लेकिन सरकार ने उससे पहले ही इसे अनिश्चित काल के लिए बढ़ा दिया.

किसानों का कहना है कि इसकी वजह से रबी सीजन के प्याज का भी मार्केट खराब हो गया. रबी सीजन के प्याज फरवरी के अंत और मार्च के पहले सप्ताह से आना शुरू हो जाता है. उसी समय निर्यातबन्दी को और आगे बढ़ा दिया गया. इससे पहले सरकार ने अगस्त 2023 में प्याज के दाम पर नियंत्रण पाने के लिए इसके निर्यात पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगा दिया था. तब सरकार के इस फैसले के खिलाफ किसानों और व्यापारियों दोनों ने मिलकर हड़ताल की थी. लेकिन सरकार ने आगे चलकर उससे भी कठोर फैसला लेते हुए निर्यातबन्दी कर दी.

ये भी पढ़ें:  Onion Export Ban: जारी रहेगा प्याज एक्सपोर्ट बैन, लोकसभा चुनाव के बीच केंद्र सरकार ने किसानों को दिया बड़ा झटका

अधिकांश मंडियों में दाम का बुरा हाल

महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के अनुसार कई प्रमुख मंडियों में इस समय किसानों को न्यूनतम दाम सिर्फ 1 और 2 रुपये किलो ही प्राप्त हो रहा है जबकि आवक भी बहुत ज्यादा नहीं है. प्याज उत्पादक जिले सोलापुर की मंडी में 29 अप्रैल को सिर्फ 100 रुपये क्विंटल न्यूनतम दाम रहा. यही रेट राहुरी और सटाणा में भी रहा. धुले, अहमदनगर, मंगलवेढा और संगमनेर में किसानों को मात्र 2 रुपये किलो न्यूनतम दाम मिला. महाराष्ट्र कांदा उत्पादक संगठन के पदाधिकारियों के अनुसार राज्य में प्याज की उत्पादन लागत 18 रुपये किलो तक पहुंच गई है. इसलिए इतने कम रेट में कब तक खेती करेंगे. किसान इस बार प्याज की खेती को और कम कर देंगे.

किस मंडी में कितनी आवक और कितना दाम

  • सोलापुर मंडी में 29 मार्च  को 11046 , क्विंटल प्याज की आवक हुई. न्यूनतम दाम 100 , अधिकतम 2100 और औसत दाम 1200  रुपये प्रति क्विंटल रहा.
  •  
  • धुले (नरायणगांव) में मात्र 3000 क्विंटल प्याज की आवक हुई. इसके बावजूद न्यूनतम दाम सिर्फ 200, अधिकतम 1200 और औसत 1050 रुपये क्विंटल रहा.
  • येओला धुले में 2088 क्विंटल प्याज की आवक हुई. इसके बावजूद न्यूनतम दाम सिर्फ 300 रुपये प्रति क्विंटल रहा. अधिकतम दाम भी बहुत कम सिर्फ 1281 और औसत दाम 1200 रुपये क्विंटल रहा.
  • राहूरी पथरदी मंडी में 1597 क्विंटल प्याज की आवक हुई. इसके बावजूद न्यूनतम दाम सिर्फ 100, अधिकतम 1600 और औसत दाम 900 रुपये क्विंटल रहा.

ये भी पढ़ें: नास‍िक की क‍िसान ललिता अपने बच्चों को इस वजह से खेती-क‍िसानी से रखना चाहती हैं दूर